BETUL NEWS/भीमपुर (मनीष राठौर) :- ताप्ती नदी वन विभाग क्षेत्र में रेत का अवैध उत्खनन लगातार जारी है, जिससे जलीय जीवों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। आरोप है कि वन विभाग की मिलीभगत से माफिया बेखौफ होकर नदी की धारा को छलनी कर उसका स्वरूप बदल रहे हैं।
दक्षिण वन मंडल के रातामाटी बीट में हो रहा उत्खनन
सूत्रों के अनुसार, यह उत्खनन दक्षिण वन मंडल के रातामाटी बीट क्रमांक 5410 से किया जा रहा है। रोजाना ट्रैक्टर-ट्रॉलियां नदी में प्रवेश कर पुल के नीचे और कोरकूढाना क्षेत्र से रेत निकाल रही हैं।
बारिश के बावजूद नहीं रुक रहा खनन कार्य
बारिश के कारण नदी में पर्याप्त जलभराव होने के बावजूद खनन कार्य रुका नहीं है। रेत माफिया खुलेआम नदी किनारों से खोदाई कर रहे हैं, जिसका प्रतिकूल असर जलीय जीवों के घरोंदों पर पड़ रहा है।
जलीय जीवों के पलायन की सूचना
कई स्थानों से जीवों के पलायन की भी सूचना है। सूत्रों का कहना है कि अवैध उत्खनन की जानकारी विभाग तक पहुंचने के बावजूद अधिकारी कार्रवाई से बचते हैं।
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माफियाओं का मजबूत सूचना तंत्र
जब कभी छापेमारी की तैयारी होती है, रेत माफियाओं को पहले ही भनक लग जाती है और उस दिन निकासी रोक दी जाती है। मजबूत सूचना तंत्र के कारण माफियाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
वन विभाग की चुप्पी
इस संबंध में क्षेत्रीय वन विभाग डिप्टी अभिषेक उपाध्याय से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। बताया जाता है कि वे मीडिया को जानकारी देने से परहेज करते हैं।
स्थानीय ठेकेदारों का बयान
स्थानीय ठेकेदारों के कर्मचारियों का कहना है कि उनकी राजस्व खदान से उत्खनन बंद है और जो भी गतिविधि चल रही है वह पूरी तरह वन विभाग रेत क्षेत्र से हो रही है।
कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए और वन विभाग की मिलीभगत की जांच की जाए।