जलवायु परिवर्तन पर विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार
विभिन्न राज्यों के शोधार्थियों ने प्रस्तुत किए शोधपत्र
BETUL NEWS/भैंसदेही/मनीष राठौर :- भैंसदेही वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री गंजन सिंह कोरकू शासकीय महाविद्यालय भैंसदेही में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हुई। प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम ऊषा) द्वारा प्रायोजित इस संगोष्ठी का शीर्षक एनवॉर्नमेंटल सस्टेनेबिलिटी एंड क्लाइमेट चेंज था। कार्यक्रम के समापन सत्र में आईआईटी बॉम्बे से प्रोजेक्ट रिसर्च साइंटिस्ट डॉ अंशु अग्रवाल उपस्थित रहीं। उन्होंने अपने वक्तव्य में जलवायु परिवर्तन के कारण कैंसर के बढ़ते हुए खतरे से अवगत कराया। इससे पूर्व आमंत्रित वक्ता के रूप में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से उपस्थित सह प्राध्यापक डॉ रबींद सिंह ने अपने वक्तव्य में जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ते हुए संक्रामक रोगों के खतरे के संबंध में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पृथ्वी के बढ़ते हुए तापमान से कई जीवाणु अब ऐसे क्षेत्रों में उत्पन्न होने लगे हैं जहां पहले नहीं होते थे। तकनीकी सत्र में देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों ने शोध पत्रों का वाचन किया। इस सत्र की अध्यक्षता मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर से सहायक प्राध्यापक डॉ प्रिया शुक्ला ने की।

इससे पूर्व कार्यक्रम के पहले दिन उद्घाटन सत्र में श्रीमती राधाबाई सारडा आर्ट्स, कॉमर्स एंड साइंस कॉलेज अंजनगांव सूरजी महाराष्ट्र से डॉ मंगेश डागावाल की नोट स्पीकर के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा में निहित औषधियों के ज्ञान से जलवायु परिवर्तन के खतरे को रोकने के संबंध में जानकारी दी। विशिष्ट वक्ता के रूप में इपको भोपाल से डॉ रवि शाह मौजूद रहें। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए किए जा रहे नीतिगत कार्य एवं इप्को की भूमिका से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अपनी जीवनशैली में छोटे छोटे परिवर्तन कर हम जलवायु परिवर्तन को रोकने में योगदान दे सकते हैं। महाराजा अग्रसेन होटल मैनेजमेंट अकादमी ग्वालियर से आए विशिष्ट वक्ता डॉ सत्येंद्र कुमार सिंघल ने पर्यटन को पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर अपने विचार साझा किए। प्रथम दिवस के तकनीकी सत्र में प्रतिभागियों ने ऑफलाइन माध्यम से पेपर प्रस्तुत किए।
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महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जितेंद्र कुमार दवंडे ने समस्त वक्ताओं का स्वागत कर उन्हें स्मृतिचिन्ह से सम्मानित किया। इस संगोष्ठी का सफल संयोजन प्राणिशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष श्री कालूराम कुशवाह तथा सह संयोजन श्री रविन्द्र सिंह शाक्यवार एवं डॉ सतीश कुमार कास्दे द्वारा किया गया।

