कषाय और इन्द्रिय विषयों के विष का रक्षक है – उत्तम संयम धर्म
Betul News in Hindi / चिचोली :- शुक्रवार को पर्वराज पर्युषण पर्व का छठवां दिन उत्तम संयम धर्म श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर चिचोली में चल रहे पर्युषण पर्व के विशेष कार्यक्रम में आचार्य की 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य पं. पंकज जी शास्त्री भिंड ने बताया कि जिन्हें विषयो का विष चढ़ा है उन्हें संयम रूपी महामंत्र ही रक्षक है
क्रोध मान माया लोभ रूपी चारो कषायो के विष रक्षा करने में संयम ही परम औषधि है हम सभी ने पिछले पांच दिनो में कोध का त्याग करके क्षमा क़ो धारण किया और मान को त्यागकर मार्दव, माया को त्याग कर आर्जव एवं लोभ क़ो त्याग कर शौच धर्म को धारण किया तभी पांचवे दिन हमे सत्य का पता चला जब सत्य उद्घाटित हुआ तो हम क्या करे तो भगवान महावीर कहते हैं कि अब आप संयम को धारण करो आत्म संयम की रक्षा अपने धन के समान ही करो क्योंकि उससे बढ़कर इस जीवन और कोई निधि नहीं है। इसी संयम के कारण ही मनुष्य देवताओं से भी आगे है अथवा देवताओ के द्वारा भी पूज्यनीय हो जाता है।
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शास्त्री जी ने आगे बताया कि पूज्य गुरुदेव बताते थे कि सबसे बड़ा असंयम है मन की कमजोरी यदि हमारा अपने मन पर नियंत्रण है तो सारे विषयो पर नियंत्रन होगा मन ढीला है तो सब ढीले ढीले है हम सभी ने मनुष्य पर्याय क्यों पाई है शरीर को धारण क्यों किया है अपनी आत्मा का कल्याण करने के लिए जबकि हम क्या करने लगे शरीर की सेवा करने लगे जो हमे पांच इन्द्रियां मिली है उनकी ही सेवा करने लगे पंचो इंदिरय विषयों का रक्षक है उत्तम संयम धर्म का जैन समाज के लोगों में बहुत उत्साह है.. शुक्रवार को शांतिधारा का परम सौभाग्य मोहित अखिलेश जैन प्राप्त किया आज सुगंध दशमी के पावन अवसर पर समाज के महिलायो द्वारा व्रत लिये गए प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्याकर्म प्रश्न मंच प्रतियोगिता कार्यक्रम आयोजित हो रहे है आयोजन में आकाश गव्हाणे ,सागर चवड़े एवं समस्त जैन समाज द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे है l