Betul News Today: बस-ट्रक बड़े वाहनों में लगे प्रेशर हॉर्न लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहे है। हालात यह है कि शहर की सडकों से बसे और ट्रक तेज हॉर्न बजाते हुए निकलते है। जिससे व्यापारियों को परेशानियां होती है। खासकर बुजूर्ग-बच्चे और महिलाएं कई बार अचानक बजने वाले प्रेशर हॉर्न के कारण भयभीत हो जाते है, और हड़बडाहट में दुर्घटना का शिकार बनते है। व्यापारी भी प्रेशर हॉर्न के विरोध में है। क्योंकि बाजार की सडक़ों ने निकलने वाले वाहनों में तरह-तरह के प्रेशर हॉर्न लगाकर बस चालक गुजरते है, जो लोगों के कानों को करकस की तरह लगते है। फिर भी पुलिस विभाग द्वारा ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाही तक नहीं की जा रही है। शहरवासियों का कहना है कि प्रेशर हॉर्न को लेकर न्यायालय ने भी गाइड लाइन तय की है, किन्तु बस-ट्रक चालक यातायात नियमों का बिल्कुल पालन नहीं कर रहे है। मार्केट की मुख्य सडक पर यह नजारा आम है। यहां तेज गति से हॉर्न बजाते हुए बस-ट्रक सहित अन्य वाहन चालक निकालते हैं। तेज हॉर्न बजने से लोग दुकानों के बाहर तक निकल आते है। व्यापारियों ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन पर भी इस संबंध में शिकायतें दर्ज कराई, किन्तु कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ा और कठोर कार्रवाही के अभाव में प्रेशर हॉर्न का चलन कम नहीं हुआ। व्यापारियों ने प्रेशर हॉर्न पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने की मांग पुलिस प्रशासन से की है।
स्टाइलिश बाइक में तरह-तरह के हॉर्न …………..
शहर में इन दिनों बाइक में प्रेशर हॉर्न लगवाने का चलन जोरों पर है। युवाओं की मौज-मस्ती और शौक से लोगों को परेशानी हो रही है। शहर के व्यस्ततम मार्ग पर तेज रफ्तार से बाइक दौड़ाते और प्रेशर हॉर्न बजाते हुए युवा वर्ग सहज ही देखे जा सकते हैं। बढ़ते ध्वनि प्रदूषण से बुजुर्ग व बच्चों पर विपरीत असर पड़ता है। पुलिस लाइसेंस, हेलमेट जैसे मामलों में तो कार्रवाई करती है, लेकिन प्रेशर हॉर्न के संबंध में वह खामोश ही रहती है। तेज रफ्तार के साथ प्रेशर हार्न से लोग चौंक पड़ते हैं। जिससे कई बार हादसे हो जाते है।
व्यापारियों ने बताई अपनी समस्या…..
(1) जब बस चालक प्रेशर हॉर्न बजाते हुए मार्केट से निकलते है तो कानों को करकस जैसा महसूस होता है। दर्जनों बार लोग प्रेशर हॉर्न की वजह से चौंक जाते है और इधर-उधर हटाने के प्रयास में दूसरे वाहनों से टकराकर घायल होते है। दुकानों में ग्राहकों को भी परेशानी होती है। तेज आवाज के कारण व्यापारियों का दुकान चलाना मुश्किल हो गया है पुलिस को प्रेशर हॉर्न वाले वाहनों पर कठोर कार्रवाही करना चाहिए।
-संजय साहू, अध्यक्ष व्यापारी संघ आमला
(2) कान-फोडू प्रेशर हॉर्न को लेकर लोगों ने कई बार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। प्रेशर हॉर्न का चलन वैसे ही चल रहा है, जैसे पहले था। पुलिस चालानी कार्रवाही के साथ-साथ प्रेशर हॉर्न को प्रतिबंधित करने ठोस कदम उठायेगी, तब ही प्रेशर हॉर्न का चलन बंद होगा।
-प्रकाश गुगनानी व्यापारी आमला
(3) पहले बसों और ट्रकों में ही प्रेशर हॉर्न लगे और सुनाई पड़ते थे, लेकिन अब स्टाइलिश बाइक में भी युवा प्रेशर हॉर्न लगाते है। ज्यादा दिक्कते तब होती है, जब युवा बेवजह ही हॉर्न बजाकर निकलते है। ऐसे बाइक चालकों पर ठोस कार्रवाही होना चाहिए, तभी प्रेशर हॉर्न का चलन कम होगा।
-हेमंत गुगनानी व्यापारी आमला
(4) प्रेशर हॉर्न न सिर्फ कानों के लिए नुकसानदायक है, बल्कि दिल के मरीजों के लिए भी प्राण-घातक साबित हो सकते है। अचानक से तेज आवाज निकलने के कारण लोग घबरा जाते है। वाहन चालकों को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए और प्रशासन को भी नियमों का सख्ती से पालन कराना चाहिए।
-चंद्रशेखर सोनी व्यापारी आमला
इनका कहना है…………………
व्यापारियों की मांग पर पुलिस जरूर करवाई करेगी लेकिन आरटीओ विभाग इसके लिए पूरा जिम्मेदार है। आरटीओ को भी करवाई करना चाहिए हम कल से ही बसों से प्रेसर हॉर्न हटाने का अभियान शरू कराएंगे।
सुरेश पाल सिंह एसडीओपी मुलताई