Betul News Today/भैंसदेही /मनीष राठौर:- सरकार द्वारा अपने नियमित , विनियमित एवं दैनिक वेतन भोगियों के कर्मचारियों की सेवा समाप्त होने के पश्चात पेंशन स्वरूप जीपीएफ , ईपीएफ , एनपीएस जैसे फंड बनकर कर्मचारियों की भविष्य निधि जमा करवाती है , जिससे कि वह सेवा समाप्ति के बाद वह सेवानिवृत कर्मचारी बाकी जीवन बिना किसी आर्थिक मजबूरी के बिता सके , लेकिन जिले नगर परिषद भैंसदेही द्वारा अपने ही कर्मचारियों के वेतन से ईपीएफ और एनपीएस तो प्रतिमाह काट रहे, परन्तु उनके ईपीएफ और एनपीएस खाते में जमा नहीं किया जा रहा , जिसकी चर्चा अब सार्वजनिक होकर अब विभाग से बाहर निकलकर नगर के चौक चौराहों पर हो रही , लोग कह रहे की आखिर इतना बड़ा धोखा अपने ही कर्मचारियों के साथ करने के पीछे जिम्मेदारों की मंशा क्या होगी , जानकारी में यह भी सामने आ रहा की मामला नगर परिषद कार्यालय में पदस्थ विनियमित एवं दैनिक वेतन भोगियों का बताया जा रहा, जिसमे आरोप लग रहे की नगर परिषद अध्यक्ष मनीष सोलंकी ने जब से पदभार ग्रहण किया तब से शुरुआत में मात्र 3 या 4 माह तक बराबर ईपीएफ और एनपीएस खाते में राशि जमा हुई है , उसके बाद से वर्तमान समय तक भी राशि कर्मचारियों के ईपीएफ और एनपीएस खाते में राशि जमा नहीं हुई , जिसे लगभग 36 माह हो चुके है , और यह राशि लगभग 80 कर्मचारियों की जमा होना बाकी है। अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो जांच से सामने आ पाएगा।
50 लाख से ऊपर की राशि का होना है भुगतान
नगर परिषद के एक कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर जानकारी देते हुवे बताया कि नगर परिषद में जो नियमित कर्मचारी है उनका जीपीएफ प्रतिमाह बराबर उनके जीपीएफ खाते में जमा हो जाता है, और 2005 के बाद विनियमितिकरण वाले लगभग 12 से 13 कर्मचारी है , और बाकी दैनिक वेतन भोगी है, मतलब कुल मिलकर लगभग 80 कर्मचारियों को पिछले 36 माह से ईपीएफ और एनपीएस की राशि विभाग द्वारा उनके ईपीएफ और एनपीएस खाते में जमा नहीं की है , जबकि प्रत्येक कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह ईपीएफ और एनपीएस की राशि की कटौती की जा रही है। आगे बताया कि यदि एक कर्मचारी का कम से कम 2000 रुपए भी उसके खाते में जमा होना होगा तो इसे लगभग 80 कर्मचारी है , जिनका एक वर्ष का 19 लाख रुपए से अधिक एवं 3 साल का 50 से 55 लाख रुपए के ऊपर की राशि ईपीएफ और एनपीएस कर्मचारियों के खाते में जमा होना है। ये कहा जा सकता है कि एक कर्मचारी का नगर परिषद पर लगभग 70 हजार रुपए बकाया राशि है , जिसे देने में नगर परिषद के जिम्मेदार पिछले तीन वर्ष से केवल आश्वासन ही दे रहे है , और मीडिया में तीन साल की कार्यकाल के गुणगान करवाते फिरते है, हम कर्मचारियों को हलाल कर ठेकेदार को मालामाल कर रहे। कर्मचारी ने बताया कि भगवान न करे किसी को कुछ हो गया तो उनके बच्चों को राशि नहीं मिलेंगी , क्योंकि एनपीएस और ईपीएफ खाते में राशि ही जमा नहीं हो रही है, बहुत जल्द इस मामले पर काम बंद हड़ताल कर जिला कलेक्टर को शिकायत की जाएंगी।
सीएमओ राठौर को दे चुके है आवेदन , अध्यक्ष से भी कई बार कर चुके है मिन्नते
विभागीय सूत्र बताते है कि जिन कर्मचारियों के खाते में लगभग 36 माह से ईपीएफ और एनपीएस की राशि जमा नहीं हुई उन तमाम कर्मचारियों ने अपने नगर परिषद कर्मचारी संघ अध्यक्ष के नेतृत्व में लिखित शिकायत पूर्व में पदस्थ सीएमओ रीना सिंह राठौर को की थी , उसके पहले भी पदस्थ थे सीएमओ को मौखिक रूप से कई बार निवेदन कर चुके है , लेकिन हर बार अध्यक्ष द्वारा मामले को संभालते हुवे स्वयं ही समस्त कर्मचारियों को राशि दिलवाने का आश्वासन देते रहे , जब लिखित शिकायत की तो अध्यक्ष द्वारा वार्ड नंबर 15 की 11 दुकान नीलामी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद जमा होने वाले राशि से करने का आश्वासन दिया था लेकिन राशि जमा होने के बाद भी वर्तमान समय तक भी ईपीएफ और एनपीएस राशि कर्मचारियों के खाते में जमा नहीं की गई , जबकि दुकान नीलामी में लगभग परिषद के पास 1 करोड़ से ऊपर राशि जमा हो चुकी थी , परंतु उस राशि से ठेकेदार को दो बार भुगतान कर दिया गया, लेकिन हम कर्मचारियों के बारे में नहीं सोचा। अगले अंक में पढ़ाई किस योजना का था काम , किस मद से किया भुगतान..?
क्या कहते है जिम्मेदार
आप जो बोल रहे हो लगभग उतने ही कर्मचारी होंगे जिनका एनपीएस और ईपीएफ कटता है , नगर परिषद की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने के कारण हम कर्मचारियों के एनपीएस और ईपीएफ खाते में राशि जमा नहीं कर पाए , वर्तमान समय में साहब ने कुछ आंशिक रूप से राशि जमा करवाई गई है ,
कारू सिंह उईके
वरिष्ठ लेखा अधिकारी
नगर परिषद भैंसदेही
यह मेरे समय का रुका हुआ नहीं है , पूर्व सीएमओ के समय का रुका हुआ है , फिर भी मेरे द्वारा अभी 4 माह का कर्मचारियों का ईपीएफ और एनपीएस जमा करवाया है , और धीरे धीरे हम लगभग तीन से चार माह पूरी राशि जमा कर देंगे।
हितेश शाक्य
मुख्य नगर परिषद अधिकारी भैंसदेही
पिछले कई महीनो से बिजली का बिल अधिक आने के कारण सरकार द्वार दी जाने वाली चुंगी की राशि में बिल की राशि की कटौती होकर आ रही थी , वर्तमान में 8 से 9 माह की राशि कर्मचारियों के एनपीएस और ईपीफ़ खातों में जमा कराई गई है ,
और शेष राशि तीन-चार महीने में जमा करा दी जाएगी।
मनीष सोलंकी
अध्यक्ष नगर परिषद भैंसदेही

