Betul Samachar :- बैतूल के दक्षिण वन मंडल के सावल मेंढ़ा वन परिक्षेत्र में वन अमले ने एक नीलगाय का मंदिर से रेस्क्यू किया है। कुत्तों के पीछा करने और हमले के बाद घायल हुई यह नीलगाय एक मंदिर में जा छिपी थी। जिसे मंदिर प्रबंधन ने सुरक्षा दी। इस दौरान यह वन्य प्राणी कई घंटे मंदिर में ही बैठा रहा। जिसे वन अमले ने इलाज करवाकर जंगल में छोड़ दिया है।
घटना विकासखंड आठनेर के बोथी के पास कोकाढाना की है। यहां रामदेव बाबा मंदिर में एक मादा नीलगाय जंगल से भागते हुए पहुंच गई। कुत्ते इस नील गाय का पीछा कर रहे थे। यह मंदिर तक पहुंची तो मंदिर के संत नरेश बाबा ने इसे कुत्तों से बचाया।
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इस दौरान यह नीलगाय कई घंटे मंदिर के सहन में ही बैठी रही। कुत्तों के हमले में उसे कई जगह जख्म आ गए थे। मंदिर प्रबंधन ने इसके मंदिर में होने की जानकारी दी तो वन अमला मौके पर पहुंचा। जहां उसे विभाग के वाहन से रेस्क्यू कर सावल मेंढ़ा लाया गया।
रेंजर मानसिंह परते ने बताया कि नीलगाय लगभग 4 साल की है। जिसे कुत्तों ने घायल कर दिया था। वह डर कर मंदिर में बैठ गई थी, जिसे रेस्क्यू कर पशु चिकित्सक को दिखाया गया। उसके घाव पर दवाइयां लगाने और इंजेक्शन देने के बाद उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया है। नीलगाय की जांच के दौरान पेट में चोट के निशान पाए गए।