Betul Samachar : कोथलकुण्ड बस स्टैंड से स्कूल जाने वाला पी डब्लू डी का 500 मीटर का मार्ग खस्ताहाल और खराब रास्तों से स्कूल, पंचायत भवन,उपस्वास्थ्य केंद,और अनाज वितरण केंद्र जाने को मजबूर ग्रामीण
आशुतोष त्रिवेदी बैतूल टॉक्स कोथलकुण्ड।एक ओर विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। दूसरी ओर मध्य प्रदेश में बैतूल जिले के भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र के कोथलकुण्ड गांव में ग्रामीणों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है।
दरअसल, कोथलकुण्ड बस स्टैंड के वार्ड क्रमांक 9 में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, उपस्वास्थ्य केंद्र,ग्राम पंचायत और अनाज वितरण केंद्र तक पहुंचने के लिए खस्ताहाल सड़क से होकर गुजरना पड़ता है।
सुखे के दिनों में स्थिति थोड़ी बेहतर रहती है, लेकिन जब बरसात का मौसम आता है तब यहां चलना कठिन हो जाता है।
इस मार्ग की दुर्दशा का सबसे अधिक प्रभाव स्कूल जाने वाले बच्चों और शिक्षकों पर पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर जिला प्रशासन तक सड़क निर्माण की मांग की जा चुकी है, लेकिन अब तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने विधायक और कलेक्टर से भी सड़क निर्माण की गुहार लगाई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
वहीं एक तरफ दावे तो किए जाते है कि हम शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में सड़कों का जाल बिछा रहे हैं, गांव के एक-एक घर तक सड़क पहुंचा रहे हैं। लेकिन जब इस तरह की तस्वीर सामने आती है तो कहीं न कहीं जो दावे हैं उसकी पोल खुल जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि पी डब्लू डी की खस्ताहाल सड़क को सुधारने की मांग की जा चुकी है परंतु किसी भी जन प्रतिनिधि ने अब तक स्कूल, उपस्वास्थ्य केंद्र,अनाज वितरण केंद्र,पंचायत भवन तक पहुंचने के लिए इस खस्ताहाल सड़क के निर्माण में अपनी रुचि नहीं दिखाई और यहां आने जाने के लिए इसी सड़क से होकर उन्हें जाना पड़ता है। अब सवाल यह है कि इस खबर के बाद कोई अधिकारी इस जर्जर सड़क की सुध लेने आएगा भी या नहीं जो एक सवाल बन कर रहेगा।
Betul Samachar : ठानी के डोल नदी पर 18 लाख रुपए से बनेगी पुलिया, जिला पंचायत सदस्य ने किया भूमिपूजन
ग्रामीणों का कहना है कि इससे तो सीधा अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो दावे विकाश के किए जाते है उनमें कितना दम है।
कब जागेगी प्रशासन की नींद?
ध्यान देने वाली बात यह है कि स्कूल के लगभग 600 बच्चे प्रतिदिन इस सड़क से आना जाना करते हैं और ग्रामीणों का इस सड़क पर मोटरसाइकिलों से आना-जाना लगातार बना रहता है सड़क की स्थिति खराब होने की वजह से दुर्घटना होने का अंदेशा हमेशा बना रहता है।
इस सड़क की दुर्दशा देखकर सवाल उठता है कि आखिर कब प्रशासन जागेगा? क्या हादसों का इंतजार हो रहा है? क्या विभाग किसी बड़े हादसे के बाद ही हरकत में आएगा? यह सड़क स्कूल जाने वाले बच्चे और आम जनता के लिए जानलेवा साबित हो रही है। इसके सुधार का कार्य अब तक शुरू नहीं किया गया है। आखिर विभाग किस बात का इंतजार कर रहा है? शिक्षा के मंदिर में जाने वाले बच्चे और स्थानीय लोगों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन की उदासीनता सामने आ रही है।