Betul Samachar/चिचोली :- शुद्ध पानी के दावो के बीच बूंद बूंद पानी को तरसते अटारी गांव के ग्रामीण अपने इलाके की हकीकत बयां कर रहे हैं यहां के ग्रामीणों को जल संकट से झुझना पड़ रहा है ग्रामीण अपनी प्यास बुझाने के लिए देढ़ से दो किलोमीटर पैदल चलकर लाइन लगाकर पानी ला रहे हैं बैतूल जिले के अंतर्गत चिचोली विकासखंड के ग्राम पंचायत बोरी के ग्राम अटारी में जल संकट गहराया है लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं गांव में 6 हैंडपंप होने के बावजूद भी वह हवा उगल रहे हैं और हैण्ड पंपों ने काम करना बंद कर दिया है हर घर जल योजना में घरों के सामने नल लगा लगाकर कनेक्शन कर दिए गए हैं लेकिन यह योजना भी वेंटिलेटर पर है अटारी गांव में जल संकट की समस्या अभिशाप बनी हुई है गांव की महिला सरस्वती वराठे ने बताया कि गांव में जल संकट के कारण विकराल रूप ले लिया है पानी की परेशानी ऐसी भयावह है कि गांव में बेटो विवाह के लिए कोई बेटी तक देना नहीं चाहता दरअसल अटारी गांव में कई दशकों से पानी की समस्या चली आ रही है l
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ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान जन प्रतिनिधि और वोट बटोरने आते हैं उसके बाद आश्वासन देकर चले जाते हैं अटारी गांव की ग्रामीण महिला राधिका उघडे , शोभा झरबडे, उर्मिला लोखंडे ,ललिता वराठे, प्रियंका भाले,इंद्रकला उघडे तुलसाबाई ने बताया कि गांव के बहार देड़ किलोमीटर की दूरी पर बोरवेल है जहां मोटर लगी हुई है वहां से कुए में पानी लाया जा सकता है । गांव वाले को पीने का पानी उपलब्ध हो सकेगा लेकिन ग्राम पंचायत के मनमानी के कारण कुएं में की साफ सफाई नहीं होने के कारण हुआ भी कचरा भरा हुआ । गांव में पानी उपलब्ध कराने के लिए कई बोर किए गए हैं लेकिन उनकी देखरेख सही ढंग से नहीं होने से खराब स्थिति में पड़े हैं 1300 की आबादी वाले इस गांव में अगर इसी तरह की गर्मी बढ़ती रही तो आम जन जीवन को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है । महिलाओं ने बताया कि सरकार जल स्रोतों को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चल रही है लेकिन वह सिर्फ कागज पर दिखाई देती है।