Betul Samachar/ भैंसदेही (मनीष राठौर) :- आरटीआई एक्टिविस्ट पवन मनवर द्वारा नगर परिषद भैंसदेही कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी से सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी ने प्रशासनिक पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
मांगी गई थी यह जानकारी
पवन मनवर ने पूर्व में 7 फरवरी और 25 मार्च को एक आवेदन देकर स्पष्ट रूप से यह जानकारी चाही थी कि भैंसदेही नगर परिषद में प्रधानमंत्री आवास योजना में जिन हितग्राहियों को आवास का लाभ मिला है और भूमि हीन हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ लेने वाले लोगों की सूची की मांग की गई थी। जिसके एवज में आवेदनकर्ता को विभागीय पत्र जारी कर भ्रामक जवाब दिया जा रहा है। मेरी प्रशासन से मांग है कि आवास योजना में पात्र हितग्राहियों की जांच जिला स्तरीय समिति द्वारा करवाई जाए।
आरोप: गोलमोल और भ्रामक उत्तर देना आम बात
पवन मनवर ने आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा गोलमोल और भ्रामक उत्तर देना आम बात बनती जा रही है। आरटीआई जैसे सशक्त माध्यम को भी हल्के में लिया जा रहा है, जो लोकतंत्र और पारदर्शिता के लिए गंभीर खतरा है। जानकारी नहीं देना एक बहुत बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
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उच्च अधिकारियों से मिलने का निर्णय
पवन मनवर ने इस मामले को लेकर आगे उच्च अधिकारियों से मिलने का निर्णय लिया है, ताकि इस प्रकार की भ्रामकता और काम के प्रति घोर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके। उन्होंने मांग की है कि शासन को ऐसे पदों पर केवल योग्य, संवेदनशील और जवाबदेह अधिकारियों की नियुक्ति करनी चाहिए, ताकि सूचना का अधिकार अधिनियम वास्तव में जनहित में प्रभावी साबित हो सके।