Betul Samachar: अतिरिक्त प्रभार…. मतलब अतिरिक्त भ्रष्टाचार जीवंत उदाहरण कमोद पंचायत

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Betul Samachar: जनपद पंचायत भीमपुर की ग्राम पंचायतें आए दिन अपने भ्रष्टाचार के लिए सुखियों में बनी रहती है। और अब शायद उन्हें इस तरह सुर्खियों में रहने का शौख हो चुका है।जिसका मुख्य कारण है वरिष्ठ अधिकारियो का कार्यवाही नहीं करना जिसके चलते पंचायत के सचिवों के मन से कार्यवाही का डर निकल गया है और वो अपनी पुरी ऊर्जा के साथ भ्रष्टाचार के नए नए तरीके खोज रहे है।वर्तमान में भीमपुर जनपद में अतिरिक्त प्रभार भ्रष्टाचार टॉप पर बना हुआ है। जिस पर शायद ही जिला पंचायत सीईओ लगाम लगा सके क्योंकि जिन्हे अतिरिक्त प्रभार मिला है या तो वो किसी नेता के प्रिय सेवादार है या बाहुबली अब इस स्थति में उनका अतिरिक्त प्रभार हटना संभव नहीं है।

ये है अतिरिक्त प्रभार के नियम :-
1.पंचायत में सचिव न होने पर समीप की पंचायत के सचिव को प्राथमिकता से प्रभार दिया जाना चाइए।

  1. अधिकतम 5 किलोमीटर की परिधि के पंचायत सचिव को प्रभार दिया जाना चाइए
  2. जिसे अतिरिक्त प्रभार दिया जा रहा है उसके ऊपर पूर्व में वित्तीय अनियमित या भ्रष्टाचार संबंधी प्रकरण ना हो साथ ही अन्य विषयों को ध्यान में रखकर अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है परंतु भीमपुर जनपद की पंचायतों में अतिरिक्त प्रभार नियमों को खुटी पर टांग कर अतिरिक्त प्रभार दिया गए है।

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अतिरिक्त प्रभार में अतिरिक्त भ्रष्टाचार :-
भीमपुर जनपद की ग्राम पंचायतों में पालंग से लेकर कमोद तक जहा भी अतिरिक्त प्रभार है वहा निर्माण कार्य की गुणवत्ता से लेकर 5वे वित की राशि तक में जमकर मलाई चाटी जा रही है।निर्माण कार्यों में 45 से 50 हजार तक के टैंकर कर बिल लगाए जा रहे है जो स्पष्ट रूप से राशि की बर्बादी है लेकिन इस विशेष सचिवों को न कोई देखने वाला है और ना कोई रोकने वाला है।

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