Betul Samachar: बारिश में टपकती छत के नीचे बैठने को मजबूर प्राइमरी स्कूल के बच्चे

By betultalk.com

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Betul Samachar: बैतूल में प्राइमरी स्कूल के बच्चे टपकती और जर्जर छतों के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। जिले के 431 स्कूलों का यही हाल है। यहां बैतूल गंज क्षेत्र में नगरपालिका प्राइमरी स्कूल को जर्जर घोषित कर तोड़ दिया गया। वहां पढ़ने वाले स्कूली बच्चों को एकीकृत घोषित कर बिनोवा नगर के स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है। यहां भी हालात ऐसे हैं कि प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चे टपकती छत के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। कक्षा 5 के अमन के मुताबिक, उसकी क्लास की छत टपकने से उसके कपड़े और ड्रेस भीग जाते हैं। उसका बैग भी भीग जाता है। किताबें खराब हो रही हैं। कई बार छत का प्लास्टर भी उखड़कर उन पर गिर जाता है। ऐसे में डर बना रहता है कि कहीं कोई उन्हें टक्कर न मार दे। शिक्षक संजय चौकीकर के मुताबिक, दो साल पहले इस स्कूल को गंज मस्जिद के सामने से बिनोवा नगर भवन में शिफ्ट किया गया था। तब से हर बारिश में यही होता है। स्कूल की छत टपकने पर छत पर प्लास्टिक शीट डाल दी जाती है। हालांकि, चोर उसे चुरा ले जाते हैं। जिसके बाद इस प्लास्टिक को कमरे में ही छत के नीचे बांध दिया गया है।

ताकि छत से टपकने वाला पानी बच्चों पर न पड़े। प्लास्टर के बच्चों पर गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है। यह भवन वर्ष 2006-2007 में बना था। लेकिन वह भी 18 साल में जर्जर हो गया। दो दिन पहले सर्व शिक्षा अभियान के तहत रखरखाव निधि से मरम्मत के लिए 15 हजार की राशि स्वीकृत की गई है। जिसमें अब पहले से जमा 10 हजार रुपए की राशि जोड़कर इसकी मरम्मत कराई जाएगी।

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एकीकृत स्कूल के अन्य कमरे भी जर्जर

यहां एक एकीकृत स्कूल बनाया गया है। इसके प्राथमिक स्कूल के तीन कमरे जर्जर हो चुके हैं। अन्य कक्षाओं के 6 कमरों की हालत भी यही है। यहां की छत तो बेहतर है। लेकिन नीचे से पानी टपकने के कारण फर्श बैठने लायक नहीं है। यहां प्राथमिक कक्षाओं में 45 बच्चे पढ़ते हैं।

इन बच्चों को टपकती छत के नीचे ऐसे ही बैठना पड़ता है। पानी से बचने के लिए पांचों कक्षाएं एक ही कमरे में लगाई जा रही हैं। गंज प्राइमरी में पहले 7 शिक्षक थे, जिनमें से 3 शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में भेज दिया गया है।

यह है 431 स्कूल भवनों की स्थिति

जिले में 2324 स्कूल भवन हैं। जिनमें से 431 स्कूलों की यही स्थिति है। इन स्कूलों की मरम्मत के लिए जारी की गई राशि के बारे में सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना समन्वयक जितेंद्र भनारिया से संपर्क करने का प्रयास किया गया। हालांकि, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। जिला योजना अधिकारी सुबोध शर्मा ने बताया कि शिक्षा अभियान के तहत ही रखरखाव मद से स्कूलों की मरम्मत के लिए राशि जारी की गई है।

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