Betul Samachar: दशस्नान करने से आत्म शुद्धि और पापों का होता है प्रायश्चित

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                          श्रावणी पर्व पर गायत्री परिवार द्वारा ताप्ती तट पर हेमाद्रि संकल्प दशस्नान सम्पन्न

Betul Samachar/मुलताई:- गायत्री परिवार के साधकों द्वारा रविवार दशस्नान कर हेमाद्रि संकल्प लिया। सुबह 6 बजे ताप्ती तट पर दस विधि स्नान योगेश साहू द्वारा सम्पन्न कराया गया। दुध, दही, गोबर, घी, गोमय, मिट्टी, यज्ञ भस्म, हल्दी, कुशा से स्नान किया। योगेश साहू ने बताया कि दशस्नान करने से आत्म शुद्धि और पापों के प्रायश्चित होता है। इसे श्रावणी उपाकर्म भी कहा जाता है जो मन को शुद्ध करने का तरीका है। इस स्नान से मनुष्य के जीवन में हुए जाने अनजाने पापों का प्रायश्चित होता है एवं आध्यात्मिक शक्ति का संचय होता है। उसके बाद तर्पंण, नवीन यज्ञोपवीत धारण कर शिवाभिषेक एवं गायत्री यज्ञ कर बहनों ने आये हुए साधक भाई बहनों को रक्षासूत्र राखी बांधी।

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इस अवसर पर गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी यादव राव निम्बालकर ने रक्षा बंधन पर्व के महत्व के बारे में बताया कि पहली राखी राजा बलि को बांधी गई थी। आशा और विश्वास कभी गलत नहीं होते बस ये हम पर निर्भर करता है कि हमने आशा किससे की और विश्वास किस पर किया। उन्होंने सभी आत्मीय परिजनों को गुरू-शिष्य, भाई-बहिन के अटूट, निश्चल प्रेम के प्रतीक पर्व ‘श्रावणी-रक्षाबंधन’ की बधाई दी। इस अवसर पर गायत्री परिवार के साधकों ने वृक्षों को रक्षासूत्र बांधा और उनके रक्षा का संकल्प लिया। गायत्री परिवार मुलताई द्वारा प्रस्तावित गायत्री साधना केन्द्र पर आंवले का पौधा रोपण किया गया।इस आयोजन में श्यामराव बारस्कर, संपतधोटे, घनश्याम साहू, सुरेश साहू ,अनिल परिहार, कन्हैया सोनी, अमृत बारंगे ,गुलाबराव देशमुख,सावरकर, रामराव साहू ,सराटकर, मानिकराव देशमुख, बडघरे,जयासाहू,ग्यारसी साहू,सावरकर बहन सहित अन्य परिजनों की उपस्थिति रही।

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