Betul Samachar/मुलताई। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मुलताई में 10 को विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक विशेष विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. वर्षा खुराना ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस वर्ष मानवाधिकार दिवस की थीम हमारी दैनिक आवश्यकताएं जिस पर पर प्रकाश डालते हुए प्राचार्य डॉ. वर्षा खुराना ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार केवल किताबी बातें नहीं हैं, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन का आधार हैं। एक सभ्य समाज के निर्माण के लिए अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का पालन भी अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम में प्राध्यापक डॉ.अनुज डोनिवाल ने पीपीटी के माध्यम से मानवाधिकारों के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर विस्तृत जानकारी दी। डॉ. ममता राजपूत और डॉ. विनय राठौर ने विद्यार्थियों को भारतीय संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार विद्यार्थी अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इस अवसर पर डॉ. नरेंद्र हनोते और डॉ. वर्षा ठाकरे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन प्रकाश कुमार गीते ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कृष्ण नरवरे, डॉ.दीपिका पिपरदे और पूजा देशमुख का विशेष सहयोग रहा। इस कार्यक्रम में सभी उपस्थित स्टाफ और विद्यार्थियों ने मानवाधिकारों की रक्षा और सम्मान करने की शपथ ली। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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