दुर्घटनाओं से सबक नहीं ले रहा पुलिस प्रशासन
Betul Samachar News/मुलताई। पवित्र नगरी में इन दिनों परिवहन व्यवस्था पूरी तरह अव्यवस्थित होती नजर आ रही है। ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ करते हुए मालवाहक वाहनों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और मेटाडोर में सवारियों को बड़े पैमाने पर ढोया जा रहा है। इससे हादसे का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि एक बड़े हादसे के बाद भी प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। रविवार को बस स्टैंड क्षेत्र में साफ देखा गया कि ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में पुरुषों, महिलाओं और छोटे बच्चों तक को भर-भरकर बाजार की ओर ले जाया जा रहा था। यह दृश्य किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को विचलित कर सकता है, क्योंकि ऐसे वाहन मूल रूप से माल परिवहन के लिए बनाए जाते हैं। इन्हें सवारियां ले जाने के लिए उपयोग करना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यात्रियों की जान से खुला खिलवाड़ भी है।
ट्रेकर ट्रालियों से हो रहा परिवहन
गुरुवार और रविवार को नगर में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण मुलताई आते हैं। सार्वजनिक परिवहन के पर्याप्त इंतज़ाम न होने के कारण लोग मजबूरी में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और अन्य भारी वाहनों का सहारा लेते हैं। बाजार आने-जाने के दौरान इन वाहनों में इतनी भीड़ रहती है कि जरा सी चूक गंभीर हादसे में बदल सकती है। कई ग्रामीणों ने बताया कि ट्रॉली में बैठी सवारियों को किसी भी प्रकार की सुरक्षा उपलब्ध नहीं होती, जिससे सफर जानलेवा हो जाता है।

कुछ दिन पहले हुआ था बड़ा हादसा, फिर भी लापरवाही जारी
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एक पिकअप वाहन में सवारियां भरकर ले जाई जा रही थीं, जो अनियंत्रित होकर पलट गया था । इस हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस घटना ने प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे, लेकिन इसके बावजूद न तो ऐसे वाहनों पर रोक लगी और न ही कार्रवाई की गई। इससे ट्रैक्टर-ट्रॉली और पिकअप चालक बेखौफ होकर नियम तोड़ते नजर आ रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण ऐसे लोगों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। यदि स्थिति पर तुरंत नियंत्रण नहीं किया गया तो किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है, जिसमें कई निर्दोष ग्रामीणों की जान जा सकती है।
नागरिकों ने की सख्त कार्रवाई की मांग, सुरक्षित परिवहन व्यवस्था लागू की जाए
नगरवासियों और ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि मालवाहक वाहनों में सवारियां ढोने पर तुरंत रोक लगाई जाए, नियमित निगरानी की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही हाट बाजार के दौरान अतिरिक्त बसें और परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ, ताकि लोग मजबूरी में जान जोखिम में डालकर यात्रा न करें।अभी भी समय है कि प्रशासन चेत जाए, अन्यथा आने वाले दिनों में कोई बड़ा हादसा पुरे क्षेत्र के लिए दुखद साबित हो सकता है।

