Budget Year 2025-26: किसने लाया था देश का पहला बजट, आख़िर क्यो हमेशा 1 फरवरी की सुबह 11 बजे ही पेश किया जाता?

By betultalk.com

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Budget Year 2025-26: आज Finance Minister Nirmala Sitharaman ने आठवां आम बजट पेश किया है। यह फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का बजट है। लेकिन इसके इतिहास के बारे में शायद ही आप सभी को पता होगा। बजट पेश करने से पहले क्या और कैसी तैयारी की जाती है। इसकी आज तक किसी को जानकारी नहीं होगी। किसने देश का पहला बजट पेश किया था। 1 फरवरी और 11 बजे ही क्यों बजट पेश किया जाता है। तो आज मैं आपको बताती हु बजट के पूरे इतिहास के बारे में, क्योंकि बजट का जितना रोचक है, उतना ही दिलचस्प भी हैं इसके साथ जुड़ी हुई कुछ परंपराएं भी है। आइए जानते है इस आर्टिकल की मदद से।

जेम्स विल्सन ने पेश किया था भारत का पहला बजट

भारत में पहले इनकम टैक्स जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी। पहली बार अंग्रेजों के जमाने में साल 1860 में ही इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) आया था। भारत में बजट की शुरुआत करने वाले जेम्स विलसन (James Wilson) थे उन्होंने नसन 1860 में भारत का पहला बजट तैयार किया। इसमें वह इनकम टैक्स ऐक्ट लेकर आए थे। भारत में सेंट्रल बजट पेश करने की परंपरा 7 अप्रैल 1860 को शुरू हुई थी, जब ब्रिटिश अर्थशास्त्री और राजनेता जेम्स विल्सन ने देश का पहला सेंट्रल बजट पेश किया था। इस ऐतिहासिक घटना ने भारत के आधुनिक वित्तीय संस्थानों की सूची, भंडार और लेखा परीक्षण जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझाया। इस लेख में जेम्स विल्सन के जीवन और उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया है, जो भारत के पहले केंद्रीय बजट के पीछे के विशेषज्ञ थे, और उनके वित्तीय उद्यमों पर वाणिज्यिक प्रभाव का विस्तार से उल्लेख किया गया है।

जेम्स विल्सन कौन थे?

जेम्स विल्सन का जन्म 3 जून 1805 को स्कॉटलैंड के हॉविक में हुआ था। एक स्वनिर्मित व्यक्ति, विल्सन ने व्यापार, अर्थशास्त्र और राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया। वे ‘द इकोनोमिस्ट’ पत्रिका के संस्थापक थे और ब्रिटेन में आर्थिक समुदायों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने वित्त और कराधान में अपनी विशेषज्ञता के कारण एक दूरदर्शी नेता के रूप में पहचान बनाई थी।

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1860 में 200 रुपए से ज्यादा की कमाई पर 4% तक टैक्स लगता था

बता दे कि, देश के पहले बजट में 200 रुपए से 500 रुपए तक की सालाना आय वालों पर 2% और 500 रुपए से ज्यादा कमाई पर 4% टैक्स लगता था। लेकिन इनकम टैक्स कानून में सेना, नौसेना और पुलिस कर्मचारियों को छूट दी गई थी। हालांकि, उस समय ज्यादातर कर्मचारी अंग्रेज ही थे। सेना के कैप्टन का वेतन 4,980 रुपए और नौसेना के लेफ्टिनेंट का 2,100 रुपए था। हालांकि, इनकम टैक्स का कानून का उस समय कड़ा विरोध हुआ था। उस समय के मद्रास प्रांत के गवर्नर सर चार्ल्स टेवेलियन ने भी विरोध किया था। विल्सन का ये कानून ब्रिटेन के इनकम टैक्स कानून की तरह ही था। ब्रिटेन में 1798 में तत्कालीन प्रधानमंत्री विलियम पिट ने भी सेना का खर्च निकालने के लिए इनकम टैक्स कानून बनाया था।

बजट से पहले हलवा क्यों खिलाया जाता है?

भारतीय किसी भी जरूरी और अच्छे काम की शुरुआत कुछ मीठा खाने के साथ करते हैं. केंद्रीय बजट पेश करने से पहले भी इस रस्म को निभाया जाता है। बजट पेश करने से पहले हलवा सेरेमनी आयोजित की जाती है. यह हलवा वित्त मंत्रालय में तैयार किया जाता है और इसे मंत्रालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को खिलाया जाता है. हलवा सेरेमनी की परंपरा देश की आजादी के बाद शुरू की गई थी और इसे आज तक निभाया जा रहा है. हलवा रस्म के साथ ‘लॉक-इन पीरियड’ भी शुरू हो जाता है।

आम बजट 1 फरवरी और 11 बजे ही क्यों पेश किया जाता है?

भारत सरकार केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश करती है। लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था। 2017 से पहले बजट 28 फरवरी यानी फरवरी के आखिरी दिन पेश किया जाता था। हालांकि साल 2017 में मोदी सरकार के तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने फरवरी अंत के बजाय 1 फरवरी को बजट पेश करने की परंपरा शुरू की थी। ब्रिटिशकाल के समय से चली आ रही इस प्रथा को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल यानी 2017 में बदल दिया गया। हालांकि 11 बजे ही क्यों पेश किया जाता है बजट बता दे कि, अंग्रेजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आम बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था क्योंकि, जब भारत में शाम के 5 बजते थे, तब ब्रिटेन में दोपहर के करीब 12.30 बजे का समय होता था। फिर 1999 में अटल बिहार वाजपेई की सरकार ने बजट टाइमिंग में बदलाव किया। उस समय के वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पहली बार शाम 5 बजे के बजाय सुबह 11 बजे बजट पेश किया था। तब उन्होंने कहा था-भारत अब आजाद है, ब्रिटेन के अधीन नहीं है इसलिए वह अपने हिसाब से समय तय कर सकता है।

बजट बनाने वाले अधिकारियों को लॉक क्यों किया जाता है?

शायद आप सभी तो इस बात की जानकारी अभी तक नहीं होगी कि, बजट बनाने वाली टीम को संसद में बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में एक हफ्ते के लिए लॉक करके रखा जाता है। इसकी वजह से ताकि बजट से जुड़े डॉक्यूमेंट्स लीक न हो सकते। पहले यह अवधि दो हफ्ते की थी। लेकिन बजट बनाने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के मोबाइल फोन सब जब्त कर लिए जाते हैं। इस 1 हफ्ते की लॉक इन अवधि में उन्हें किसी से बात करने की और किसी भी मिलने की इजाजत तक नहीं दी जाती है । यहां तक कि वे अपने घर तक भी नहीं जा सकते हैं।

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