Cancer Drugs Cost :- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश किया है. निर्मला सीतारमण का यह 7वां बजट था. इस बजट में उन्होंने कैंसर की तीन दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने की घोषणा कि है. भारत में कैंसर के मरीज हर साल बढ़ रहे हैं. इसको देखते हुए वित्त मंत्री ने मरीजों को बड़ी राहत दी है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. ऐसी बीमारियों की रोकथाम और इलाज को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि तीन दवाओं पर कस्टम ड्यूटी में छूट देने से कैंसर के इलाज में मरीजों को आसानी होगी.
सर गंगा राम अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. श्याम अग्रवाल बताते हैं कि भारत में कैंसर का बोझ हर साल बढ़ रहा है. बजट घोषणा में कैंसर दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने का फैसला सराहनीय है. इससे अब कैंसर की दवाएं सस्ती हो जाएंगी और इस बीमारी का इलाज करा रहे मरीजों को राहत मिलेगी. कस्टम ड्यूटी हटने से मरीजों को दवाओं की कीमत कम देनी होगी. दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने के अलावा कई मेडिकल उपकरणों पर छूट भी मिलेगी. इससे भी मरीजों को भी फायदा होगा.
इससे पहले भी सरकार ने कैंसर की कुछ दवाओं को सस्ता किया था. बीते साल सरकार ने कैंसर के इलाज में यूज होने वाली दवा पेम्ब्रोलिजुमाब से भी सीमा शुल्क हटाया था. इससे इस दवा की कीमत में कमी आई थी.
कौन सी तीन दवाएं सस्ती होंगी? (Cancer Drugs Cost)
डॉ. श्याम अग्रवाल ने बताया कि कैंसर की ट्रैस्टुज़ुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और ड्यूरवलुमैब दवाएं सस्ती होंगी. डेरक्सटेकन दवा ब्रेस्ट कैंसर की दवा है और इसका उपयोग एचईआर2 पॉजिटिव जीन वाले सभी कैंसर में किया जा सकता है. ओसिमर्टिनिब ईजीएफआर फेफड़ों के कैंसर की दवा है. ड्यूरवालुमैब फेफड़ों और पित्त पथ के कैंसर के लिए दवा है. यह एक इम्यूनोथेरेपी दवा है जो पीडी-एल1 प्रोटीन को अवरुद्ध करके काम करती है, जिससे इम्यून सिस्टम कैंसर सेल्स पर हमला करने में मदद मिलती है. इसका उपयोग नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (एनएससीएलसी) और यूरोटेलियल कार्सिनोमा (मूत्राशय कैंसर) के इलाज के लिए किया जाता है.
डॉ अग्रवाल ने बताया कि ये सभी कैंसर भारत में काफी आम हैं. फेफड़ों और ब्रेस्ट कैंसर के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. हर साल इनके मरीजों के आंकड़े में इजाफा हो रहा है. ऐसे में इन कैंसरों की दवाओं को सस्ती करने से मरीजों को काफी फायदा मिलेगा.
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फिक्की स्वास्थ्य सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. हर्ष महाजन ने बताया कि बजट भाषण में वित्त मंत्री ने एक्सरे ट्यूब और डिजिटल डिटेक्टरों पर कस्टम ड्यूटी में छूट देने की घोषणा कि है. इससे अब भारत में डिजिटल एक्सरे मशीनों के स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा.
बीते साल सर्वाइकल कैंसर से बचाव पर दिया था जोर
बीते साल फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 9 से 14 साल की लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन लगवाने का ऐलान किया था. वित्त मंत्री ने इस क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने की घोषणा भी कि थी.
लाखों लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत
भारत में कैंसर की स्थिति भयावह होने वाली है. अभी से बाहर की दुनिया भारत के कैपिटल ऑफ कैंसर कहने लगी है. रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक भारत में हर साल 15.7 लाख कैंसर के मरीज बढ़ जाएंगे. यहां महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर, गले का कैंसर और ओवेरिएन कैंसर के मामले सामने आते हैं. वहीं पुरुषों में सबसे ज्यादा लंग्स कैंसर, माउथ कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के केसेज सामने आ रहे हैं. यानी सरकार के इस फैसले से लाखों लोगों के इलाज का खर्च कम हो जाएगा. फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के एमडी और सीईओ डॉ. आशुतोष रघुवंशी कहते हैं कि कैंसर की 3 दवाओं को कस्टम शुल्क से मुक्त करना निश्चित रूप से बहुत बड़ा कदम है. क्योंकि कैंसर का इलाज हमारे लिए बहुत बड़ा आर्थिक बोझ है. डॉ. आशुतोष रघुवंशी ने कहा कि एक्सरे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टर के कस्टम शुल्क को कम करने से घरेलू मेडिकल उपकरण निर्माता को राहत मिलेगी. इससे इसकी लागत कम हो जाएगी. ऐसे में स्थानीय स्तर पर यह मशीन बनने लगेगी और इसमें लोगों को नई नौकरियां भी मिलेगी.