Chhath Puja 2024 Kab Hai : उत्तर भारत में हर साल छठ का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर यूपी, बिहार, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के आसपास के शहरों में छठ पूजा की अलग ही धूमधाम से मनाई जाती है। यह त्योहार 4 दिनों तक चलता है, जिसमें सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अगर माताएं सच्चे मन से छठ व्रत रखें तो उनकी संतान को लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन का वरदान मिलता है। साथ ही करियर में चल रही परेशानियां भी काफी हद तक कम हो जाती हैं। छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जिसके अगले दिन खरना, शाम का सूर्य अर्घ्य और अंत में सुबह सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ा जाता है। हालांकि इस बार नहाय-खाय की सही तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है। आइए जानते हैं नहाय-खाय से लेकर खरना, शाम का सूर्य अर्घ्य और व्रत खोलने की सही तिथि के बारे में… साथ ही नहाय-खाय से जुड़े नियमों के बारे में भी जानेंगे।
नहाय-खाय का महत्व
वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल छठ पर्व का आरंभ कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होता है। इस बार 5 नवंबर 2024, दिन मंगलवार को चतुर्थी तिथि है, जिस दिन नहाय-खाय का उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन व्रती सबसे पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करती है, जिसके बाद भोजन किया जाता है। इसे ही नहाय-खाय कहा जाता है।
जो भी साधक छठ पूजा का व्रत रखते हैं, उनके लिए इस भोजन का विशेष महत्व है। नहाय-खाय के भोजन में चावल, लौकी, कद्दू और चने की दाल से सब्जी बनाई जाती है, जिसे शुद्धता का ध्यान रखते हुए बनाना चाहिए।
नहाय-खाय के नियम
- नहाय-खाय के दिन व्रती को अपने घर की साफ-सफाई करनी चाहिए।
- किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान जरूर करना चाहिए। सन्ना आदि कार्य करने के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए।
- व्रती को अपने लिए खाना खुद बनाना चाहिए। खाना बनाते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- नहाय-खाय के दिन घर में तामसिक भोजन न बनाएं।
- छठ पूजा के दौरान घर में प्याज, लहसुन और मांस-मदिरा नहीं लाना चाहिए।
छठ पूजा की सही तिथि
- नहाय-खाय: 5 नवंबर 2024
- खरना: 6 नवंबर 2024
- संध्या सूर्य अर्घ्य: 7 नवंबर 2024
- प्रातः काल सूर्य अर्घ्य और व्रत का पारण: 8 नवंबर 2024