Dhan Ki Kheti: खरीफ की फसल का सीजन चल रहा है, जिसमें धान की फसल को मुख्य फसल माना जाता है। रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिवशंकर वर्मा बताते हैं कि इसी वजह से कृषि विभाग किसानों को धान की बुवाई के लिए सब्सिडी वाले बीज उपलब्ध करा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनका लाभ उठाकर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। इसी कड़ी में सरकार खरीफ की फसलों की बुवाई के लिए सब्सिडी वाले बीज उपलब्ध करा रही है। जिससे किसानों को बाजार से महंगे दामों पर बीज न खरीदना पड़े। शिवशंकर वर्मा बताते हैं कि कृषि विभाग में पंजीकृत किसान यहां से धान का बीज ले सकते हैं।
इसके लिए उन्हें 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी तुरंत नकद मिलेगी। वह यह भी बताते हैं कि जो बीज बाहर के बाजारों में महंगे दामों पर मिलता है। वही बीज सभी सरकारी कृषि केंद्रों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध है। बेहतर किस्मों का चयन करें किसान वर्मा कहते हैं कि धान की खेती के लिए किसानों को उन्नत किस्मों के बीजों का ही चयन करना चाहिए। जिससे उन्हें कम लागत में अधिक उपज मिल सके। उन्नत किस्मों में बीपीटी 5204 (सांभा), एचयूआर 917 (मालवीय सुगंध), पीआर 126 (पंजाब रिसर्च), सीआईएटीएस-2 जैसी किस्में बेहतर मानी जाती हैं। जो कम लागत में अधिक उपज देती हैं। वह बताते हैं कि 10 वर्ष से कम पुरानी अधिसूचित धान की किस्मों पर 50 प्रतिशत तक और 10 वर्ष से अधिक पुरानी अधिसूचित धान की किस्मों पर 50 प्रतिशत से कम सब्सिडी उपलब्ध है। सब्सिडी की यह प्रक्रिया पूरी तरह बायोमेट्रिक है।
कौन उठा सकेगा लाभ?
प्रभारी कृषि अधिकारी शिवशंकर वर्मा बताते हैं कि धान की नर्सरी के लिए किसान सरकारी कृषि केंद्र से सब्सिडी पर धान की उन्नत किस्में ले सकते हैं। लेकिन उन्हें ध्यान रखना होगा कि यह सब्सिडी राशि उन्हें नकद दी जाएगी। वह यह भी बताते हैं कि कृषि विभाग में पहले से पंजीकृत किसानों को ही सब्सिडी का लाभ मिलेगा। साथ ही यह सब्सिडी प्रक्रिया नकद में ट्रांसफर की जाती है।