DR Hike 2025:- मध्य प्रदेश के 4.50 लाख से ज़्यादा पेंशनर्स के लिए अच्छी खबर है। दिवाली से पहले राज्य की मोहन यादव सरकार ने पेंशनर्स को महंगाई भत्ता 2 से बढ़ाकर 6 परसेंट कर तोहफ़ा दिया है। राज्य सरकार ने छठे वेतनमान का फ़ायदा उठा रहे पेंशनर्स का महंगाई भत्ता 6 परसेंट बढ़ाकर 246% से 252% कर दिया है। वहीं, सातवें वेतनमान का फ़ायदा उठा रहे पेंशनर्स का DR 2 परसेंट बढ़ाकर 53% से 55% कर दिया गया है। नई दरें सितंबर 2025 से लागू होंगी, इसलिए बढ़ी हुई पेंशन रकम का फ़ायदा अक्टूबर से अकाउंट में क्रेडिट होगा। इस बारे में फ़ाइनेंस डिपार्टमेंट ने ऑर्डर भी जारी कर दिए हैं।
मध्य प्रदेश के छठे और 7वें वेतनमान वालों की मंहगाई राहत में वृद्धि
राज्य शासन के वित्त विभाग ने 8 मई 2025 के परिपत्र के आधार पर पेंशनर्स को मंहगाई राहत (Dearness Relief) की दरों में 01 सितंबर 2025 से वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इस बढ़ी राहत दर के हुए लाभ का भुगतान माह अक्टूबर 2025 की पेंशन में किया जाएगा।वित्त विभाग के आदेश के अनुसार छठवें वेतनमान में पेंशन प्राप्त करने वालों को मंहगाई राहत की दर 246% से बढ़ाकर 252% कर दी गई है, जबकि सातवें वेतनमान के पेंशनर्स को यह राहत 53% से बढ़ाकर 55% कर दी गई है। यानी दोनों वेतनमानों के तहत पेंशन पाने वालों को अब और अधिक राहत मिलेगी। विशेष रूप से 80 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले पेंशनर्स को मिलने वाली अतिरिक्त पेंशन पर भी संशोधित मंहगाई राहत देय होगी।
इन पेंशनर्स को मिलेगा बढ़े हुए डीआर का लाभ
- इस निर्णय के अंतर्गत अधिवार्षिकी, सेवानिवृत्त, असमर्थता तथा क्षतिपूर्ति पेंशन के सभी श्रेणियों के पेंशनर्स को यह राहत प्राप्त होगी।
- अनुकंपा भत्ता प्राप्त कर रहे पेंशनर्स और परिवार पेंशन लेने वालों को भी मंहगाई राहत का लाभ मिलेगा, बशर्ते वे शासन के नियमानुसार पात्र हों।
- वित्त विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सारांशीकृत पेंशन लेने वाले पेंशनर्स को राहत उनकी मूल पेंशन से पहले की राशि) पर ही दी जाएगी।
- वे पेंशनर्स जिन्होंने उपक्रमों, स्वशासी संस्थाओं, मंडलों या निगमों में सेवा देने के बाद वित्त विभाग के नियमों के तहत एकमुश्त राशि प्राप्त की थी, वे भी इस संशोधित मंहगाई राहत के पात्र होंगे।
- राज्य शासन ने समस्त पेंशन वितरण अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मध्यप्रदेश कोषालय संहिता 2020 के प्रावधानों के अनुरूप समय पर और सही भुगतान सुनिश्चित करे।
- पेंशन निदेशक को बैंक शाखाओं में नमूना जांच करने और किसी प्रकार की विसंगति पाए जाने पर उसका समाधान आगामी माह के भुगतान में करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मंगलवार को मोहन कैबिनेट में डीआर वृद्धि के प्रस्ताव को मिली थी मंजूरी
मंगलवार को मोहन कैबिनेट बैठक में राज्य के शासकीय पेंशनरों परिवार पेंशनरों को देय मंहगाई राहत की दर में वृद्धि किये जाने का निर्णय लिया गया था। राज्य के पेंशनरों / परिवार पेंशनरों को वर्तमान में देय मंहगाई राहत सातवें वेतनमान अंतर्गत 53 प्रतिशत एवं छठवें वेतनमान अंतर्गत 246 प्रतिशत में 1 सितम्बर 2025 (भुगतान माह अक्टूबर, 2025) से वृद्धि की जाकर कुल मंहगाई राहत सातवें वेतनमान अंतर्गत 55 प्रतिशत एवं छठवें वेतनमान अंतर्गत 252 प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया गया हैं। शासकीय पेंशनरों / परिवार पेंशनरों को मंहगाई राहत में वृद्धि करने पर राज्य के कोष पर इस वितीय वर्ष में लगभग 170 करोड़ रूपये का अतिरिक्त व्यय भार आयेगा। छत्तीसगढ़ शासन के पत्र 25 अगस्त 2025 के अनुक्रम में सहमति प्रदान किये जाने के लिए निर्णय लिया गया है।
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मई में हुई थी 3 फीसदी डीआर में वृद्धि
इससे पहले मई में प्रदेश के 4.50 लाख पेंशनरों की महंगाई राहत में वृद्धि की गई थी।इस दौरान एमपी सरकार ने पेंशनर्स/परिवार पेंशनर्स को 1 मार्च 2025 से 7वें वेतनमान अंतर्गत 53% एवं छठवे वेतनमान अतंर्गत 246% महंगाई राहत के आदेश जारी किए थे।इसके अलावा 1 जनवरी से 30 सितम्बर 2024 की अवधि में सेवानिवृत / मृत शासकीय सेवकों के संबंध में उन्हें/नामांकित सदस्य को एरियर राशि का भुगतान एकमुश्त किये जाने का भी निर्णय लिया गया। ये दरें मार्च 2025 से लागू की गई थी, ऐसे में भी एरियर भी मिला था।
डीआर वृद्धि के लिए लेनी पड़ती है छग सरकार से सहमति
दरअसल, वर्ष 2000 के पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की पेंशन और राहत का 74% वित्तीय भार मध्य प्रदेश और 26% छत्तीसगढ़ उठाती है, ऐसे में मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) की संवैधानिक बाध्यता के कारण छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है। अधिनियम के तहत जब तक दोनों राज्य पेंशनरों के महंगाई राहत बढ़ाने पर सहमत नहीं होते तब तक उन्हें बढ़ी हुई महंगाई राहत नहीं दी जाती है।मप्र में पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन 7750 रुपए और अधिकतम 1 लाख 10 हजार रुपए तक है।