Ganesh Chaturthi Bhog:- गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 से शुरू हो चुकी है। इन दिनों भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। इसमें मोदक का प्रसाद सबसे ज़्यादा चढ़ाया जाता है। लोगों में मान्यता है कि गणपति बप्पा को मोदक सबसे ज़्यादा पसंद हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान गणेश को सिर्फ़ मोदक ही क्यों चढ़ाए जाते हैं?
गणपति बप्पा को मोदक का प्रसाद चढ़ाने का धार्मिक महत्व
शास्त्रों में मोदक को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना गया है। मोदक का गोल आकार पूर्णता और सुख-समृद्धि को दर्शाता है। मान्यता है कि मोदक खाने से शरीर और मन दोनों को ऊर्जा मिलती है। साथ ही, यह शुद्ध दूध से तैयार किया जाता है। ऐसे में भगवान को यह अती प्रिय होते हैं। साथ ही, लोगों को भी इसका प्रसाद अच्छा लगता है। साथ ही, इसे बनाने के लिए किसी भी चीज का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसे शुद्धता के साथ बनाया जाता है। इसलिए गणपति बप्पा को प्रसाद चढ़ाया जाता है।
पौराणिक कथा से जुड़ा महत्व
कहानी के अनुसार, एक बार माता पार्वती ने गणपति को मोदक खिलाया, जिसके बाद गणपति को यह व्यंजन बेहद प्रिय हो गया। तभी से पूजा में मोदक चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई, जो आज भी पूरे देश में निभाई जाती है।
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गणेश जी का प्रिय प्रसाद क्या है मोदक?
- मोदक ज्ञान का प्रतीक ऐसा कहा जाता है कि मोदक का मीठा स्वाद हमें यह संदेश देता है कि ज्ञान का फल हमेशा मधुर होता है।
- गणपति बप्पा को 21 मोदक का भोग लगाने की परंपरा काफी लंबे समय से चलता आ रहा है। यह 21 संख्या ब्रह्मांड की 21 ऊर्जा शक्तियों का प्रतीक मानी जाती है। मोदक चावल के आटे, गुड़ और नारियल से बनाए जाते हैं जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- मोदक को दूध से और खोए से भी बनाया जाता है। इसलिए यह शुद्ध होता है।
- इसे व्रत के साथ-साथ आप व्रत में भी खा सकते हैं।
गणपति बप्पा को मोदक के प्रसाद का भोग लगाने से पहले जरूरी है कि आप इन बातों का ध्यान रखें। इससे आपको सही जानकारी हो जाएगी कि बप्पा को मोदक का भोग क्यों लगाया जाता है। साथ ही, इसके पीछे की महत्वता क्या है।