Guru Purnima 2025:-गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जिसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं, क्योंकि इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। 2025 में गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को मनाई जाएगी। यह पर्व आध्यात्मिक और शैक्षणिक गुरुओं को सम्मान देने के साथ-साथ गुरु दोष निवारण के लिए विशेष उपाय करने का अवसर देता है। इस दिन स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व है, जो जीवन में सुख, समृद्धि और ज्ञान लाता है।
तिथि और शुभ मुहूर्त: Guru Purnima 2025
आषाढ़ पूर्णिमा तिथि 10 जुलाई 2025 को रात 1:37 बजे शुरू होगी और 11 जुलाई को रात 2:07 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के आधार पर 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन इंद्र योग सुबह से रात 9:38 बजे तक रहेगा, जो शुभ कार्यों के लिए उत्तम है। भद्रा सुबह 5:31 से दोपहर 1:55 बजे तक रहेगी, लेकिन इसका वास पाताल लोक में होने से शुभ कार्यों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा। शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:10–4:50 बजे
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59–12:54 बजे
- विजय मुहूर्त: दोपहर 12:45–3:40 बजे
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:21–7:41 बजे
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पूजा विधि और गुरु दोष निवारण के उपाय: Guru Purnima 2025
गुरु पूर्णिमा पर कैसे करें पूजा:सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करें या नहाने के पानी में गंगाजल मिलाएं। व्रत का संकल्प लें। घर के मंदिर में दीप जलाएं। भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और महर्षि वेदव्यास की प्रतिमा स्थापित करें। चंदन, तिलक, फूल, फल, तुलसी पत्ता और सात्विक भोग अर्पित करें। ॐ बृं बृहस्पतये नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। रात में चंद्रोदय के बाद चंद्र दर्शन करें और अर्घ्य अर्पित करें। पीली दाल, पीले वस्त्र, केसर, घी या पीली मिठाई का दान करें। केले के पेड़ में हल्दी मिश्रित जल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं।
गुरु दोष निवारण: कुंडली में गुरु दोष शिक्षा, करियर, विवाह और धन में बाधाएं लाता है। गुरु यंत्र की स्थापना करें और हर गुरुवार को पूजा करें। केले के पेड़ में जल चढ़ाने और ॐ बृं बृहस्पतये नमः मंत्र जाप से गुरु ग्रह मजबूत होता है, जिससे सौभाग्य बढ़ता है।