Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज ने महाकुंभ के अगले महत्वपूर्ण दिन से पहले नए प्रतिबंध लगाए हैं। इन उपायों में माघी पूर्णिमा के दौरान शहर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए भीड़ को सीमित करना शामिल है, जो कि स्नान के लिए छह शुभ दिनों में से पाँचवाँ दिन है। 29 जनवरी को हुई भगदड़ के बाद ये प्रतिबंध लगाए गए थे, जिसमें कम से कम 30 तीर्थयात्री मारे गए थे।
मंगलवार को सुबह 4 बजे से मेला क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही बंद कर दी जाएगी, ताकि भीड़ कम से कम हो। यह प्रतिबंध शाम 5 बजे से पूरे शहर में लागू होगा। शहर में आने वाले लोगों को अपने वाहन अलग-अलग मार्गों पर निर्धारित स्थानों पर पार्क करने होंगे।
यातायात व्यवस्था तब तक लागू रहेगी जब तक श्रद्धालु मेला स्थल से वापस नहीं लौट जाते। हालांकि, आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं को प्रतिबंधों से छूट दी गई है। ये प्रतिबंध संगम पर सीमित समय के लिए रुकने वाले कल्पवासियों के वाहनों पर भी लागू होंगे।
सोमवार रात को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस और नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठक कर इस अवसर की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने विस्तृत यातायात और भीड़ प्रबंधन योजना की आवश्यकता पर बल दिया और अधिकारियों को 5 लाख वाहनों की पार्किंग क्षमता का पूरा उपयोग करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा, “सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें नहीं लगने दी जानी चाहिए। हर कीमत पर यातायात जाम से बचना चाहिए।” आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर दूसरे शाही स्नान (पवित्र स्नान) पर हुई भगदड़ के बाद यातायात संबंधी यह सलाह जारी की गई है। इस भगदड़ में कम से कम 30 लोग मारे गए और 60 अन्य घायल हो गए।
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घटनास्थल से मिले वीडियो में पैदल चलने वालों को सड़क पर चलने से रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए थे। आगे बढ़ने की कोशिश में भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और आगे बढ़ गई।
भगदड़ के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग में जस्टिस हर्ष कुमार, पूर्व महानिदेशक वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी वीके सिंह शामिल हैं। उम्मीद है कि आयोग अगले महीने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
न्यायिक जांच के अलावा मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा जनसभा स्थल है, जो 13 जनवरी से शुरू हुआ है और 26 फरवरी को समाप्त होगा। 10 फरवरी तक कुंभ मेले में 44.74 करोड़ से अधिक लोग शामिल हो चुके थे।