Mahakumbh 2025 :- संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है. दरअसल, महाकुंभ में नागा साधु आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। हर कोई नागा साधुओं को देखना चाहता है. इनके जीवन में रहस्यों को जानने के लिए लोग उत्सुक रहते हैं। लोग नागा साधुओं के बालों की और भी अधिक आकर्षित होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नागा साधु अपने बाल क्यों नहीं कटवाते?
बाल न कटाना इस बात का प्रतीक है कि उन्होंने सांसारिक बंधनों, इच्छाओं और भौतिक सुख-सुविधाओं को त्याग दिया है. यह उनकी साधना और तपस्या का हिस्सा है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, बालों को बढ़ने देना और जटाएं बनाना आध्यात्मिक ऊर्जा को संरक्षित करने में सहायक होता है. इसे ध्यान और योग में लाभकारी माना जाता है.
जिस तरह भगवान शिव की जटाएं लंबी हैं. नागा साधु भगवान महादेव की पूजा करते हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए वे अपने बाल लंबे रखते हैं.
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कुंभ मेले में नागा साधु का महत्व
नागा साधुओं के लिए कुंभ मेला एक अवसर होता है, जहां वे एकत्र होकर गंगा स्नान करते हैं, ध्यान करते हैं, और अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करते हैं. नागा साधु दुनिया के सबसे बड़े मेले में तप, साधना की अद्वितीयता को दर्शाते हैं. आपको बता दें कि नागा साधु गंगा, यमुना और सरस्वती के मिलन संगम में स्नान कर अपनी साधना को और ऊर्जावान बनाते हैं.