महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर होगा सबसे बड़ा स्नान! इस दिन जरूर करें ये काम –

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Mahakumbh 2025 :- प्रयागराज में इन दिनों महाकुंभ चल रहा है. महाकुंभ में अमृत स्नान का बहुत महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ में अमृत स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. Mahakumbh 2025 देवी-देवता भी अमृत स्नान करने धरती पर आते हैं. अगर आप भी महाकुंभ में अमृत स्नान करने जा रहे हैं तो स्नान के बाद ये काम जरूर करें. इससे आपको दोगुना पुण्य मिलेगा. साथ ही रुके हुए काम भी पूरे होंगे.

भगवान सूर्य को जल

महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद भगवान सूर्य को जल देना चाहिए. ऐसा करने से करियर में तरक्की के योग बनते हैं. धन-दौलत में बढ़ोतरी होती है. दुर्भाग्य दूर हो जाता है. पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही धन लाभ भी होता है. रुके हुए काम भी पूरे हो जाते हैं.

दान करें : Mahakumbh 2025

महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद दान अवश्य करना चाहिए. हिंदू धर्म में दान करने को बहुत ही महत्व दिया गया है. मान्यताओं के अनुसार, दान करने वाला पुण्य प्राप्त करता है. इससिए महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद दान करना चाहिए.

भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा

महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु और माता तुलसी की पूजा करनी चाहिए. माता तुलसी को जल अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है. साथ ही घर में खुशियों का आगमन होता है. रुके हुए काम पूरे हो जाते हैं. माता तुलसी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

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गाय को रोटी खिलाएं : Mahakumbh 2025

महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद गाय माता को रोटी खिलानी चाहिए. ऐसा करने पुण्य प्राप्त होते हैं. इतना ही नहीं महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद गाय को रोटी खिलाने से घर में खुशियों का वातावरण हमेशा बना रहता है.

दीपदान करें

महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद नदी के किनारे दीपदान अवश्य करना चाहिए. ऐसा करने से पुण्य फल मिलते हैं. जो काम नहीं हो रहे हैं वो हो जाते हैं, लेकिन दीपदान करते समय सिर्फ तिल का तेल या फिर गाय के घी का ही उपयोग करना चाहिए.

महाकुंभ में अभी होंगे ये अमृत स्नान : Mahakumbh 2025

बता दें कि महाकुंभ में मकर संक्रांति का अमृत स्नान हो चुका है. अब मौनी अमावस्या (29 जनवरी) बसंत पचंमी (3 फरवरी), माघी पूर्णिमा (12 फरवरी) और महाशिवरात्रि (26 फरवरी) का अमृत स्नान होना है. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अमृत स्नान के साथ ही इस महाकुंंभ का समापन हो जाएगा.

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