मध्य प्रदेश में जल्द ही 17 धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की। सीएम ने राज्य के नरसिंहपुर जिले में एक समारोह के दौरान कहा, ‘शराब के सेवन का रहस्य हर विचारधारा है। हम नहीं चाहते कि हमारे युवा टुकड़े, क्योंकि वे देश का भविष्य हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने 17 धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश में जहां भी भगवान कृष्ण और भगवान राम ने अपने कदम रखे हैं, वहां शराब पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।’
1 अप्रैल से लागू होगा आदेश
शराबबंदी का यह आदेश 1 अप्रैल से लागू होगा। पन्ना के आबकारी निरीक्षक मुकेश पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान में जो दुकानें संचालित हो रही हैं, वह पुरानी आबकारी नीति के तहत अभी वित्तिय वर्ष तक संचालित होंगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद जो नया नोटिफिकेशन और नई शराबनीति शासन के द्वारा भेजी जायेगी, उससे स्थितियां और साफ होंगी कि शराबबंदी की सीमा कहां तक होगी। बता दें कि पन्ना में शराब की बिक्री से सरकार को 24 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलता है।
- ओंकारेश्वर (12 ज्योर्तिलिंगों में से एक भगवान ममलेश्वर का मंदिर)
- ओरछा (भगवान रामराजा सरकार की नगरी)
- मंडला (नर्मदा के प्रसिद्ध घाट, भक्तों की भीड़ लगती है.)
- मुलताई ( प्रसिद्ध धार्मिक ताप्ती नदी का उद्गम स्थल)
- जबलपुर (नर्मदा के किनारे बसा शहर, भेड़ाघाट)
- दतिया (प्रसिद्ध पीतांबरा माई का मंदिर)
- नलखेड़ा (मां बगुलामुखी माता का प्रसिद्ध मंदिर)
- चित्रकूट (धार्मिक नगरी, भगवान राम ने वनवास का समय यहा बिताया था।)
- सलकनपुर (प्रसिद्ध देवी मंदिर)
- मैहर (मां शारदा का प्रसिद्ध मंदिर)
- मंदसौर ( भगवान पशुपतिनाथ का प्रसिद्ध मंदिर)
- बरमान घाट और मंडेलश्वर ( दोनों ही मां नर्मदा के प्रसिद्ध घाट हैं.)
- पन्ना (जुगलकिशोर भगवान का प्राचीन मंदिर)
- सांची को भी इसमे शामिल किया जा सकता है, क्योंकि यह बेहद प्राचीन जगह है।
इन जगहों को मध्य प्रदेश के अलग-अलग मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में धार्मिक नगरी घोषित किया जा चुका है। जहां पर कई बार कैबिनेट की बैठकें भी हो चुकी हैं। धार्मिक नगरी होने की वजह से यहां हर दिन बड़ी संख्या में भक्तगण पहुंचते हैं, जिसके चलते यहां पहले भी कई बार शराबबंदी की मांग उठ चुकी है। संत महात्मा भी यहां शराबबंदी की मांग कर चुके थे, ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए शराबबंदी का ऐलान कर दिया है।
200 दुकानें बंद होने से 400 करोड़ का नुकसान
इससे धार्मिक नगरों में करीब 200 दुकाने बंद हो जाएगी। इससे सरकार को करीब 400 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा। अभी आबकारी विभाग को शराब दुकानों से करीब 1400 करोड़ रुपए आय होती है। इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार नई नीति मे ंलाइसेंस फीस 20 प्रतिशत बढ़ाएंगे। इससे सरकार को करीब 2800 करोड़ रुपए पिछली बार की तुलना में अधिक मिलेंगे। वहीं, जिन जिलों में 80 प्रतिशत दुकानें 30 प्रतिशत लाइसेंस फीस पर रिन्यू होती है, उनको ही रिन्यू माना जाएगा। 80 प्रतिशत से कम होने पर दुकानों का आवंटन टेंडर से किया जाएगा।