MP News Today : मध्य प्रदेश के रीवा जिले में जल्द ही सफेद बाघ प्रजनन केंद्र बनाया जाएगा। इस परियोजना को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) ने मंजूरी दे दी है। इस केंद्र के बनने से सफेद बाघों की संख्या बढ़ेगी जिससे वन्यजीव पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। वहीं कुछ वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने इस योजना पर सवाल उठाए हैं।
गोविंदगढ़ में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर
महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी और चिड़ियाघर, मुकुंदपुर, सतना के संशोधित मास्टर (लेआउट) प्लान के तहत गोविंदगढ़, रीवा में सेटेलाइट फैसिलिटी के रूप में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना के प्रस्ताव को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) की विशेषज्ञ समिति द्वारा तकनीकी समिति की अनुशंसा पर स्वीकृति प्रदान की गई है। MP News Today ये स्वीकृति 9 और 17 दिसंबर 2024 को आयोजित विशेषज्ञ समिति की 114वीं बैठक और 19 दिसंबर 2024 को तकनीकी समिति की 112वीं बैठक के आधार पर मिली है।
बाघों की बढ़ेगी संख्या
रीवा जिले में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना होने के बाद इस इलाके में बाघों की संख्या बढ़ने की उम्मीद रहेगी, जबकि इससे पर्यटन के क्षेत्र में भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि व्हाइट टाइगर देखने दूर-दूर से लोग आते थे l
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मध्यप्रदेश टाइगर और चीता स्टेट
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि मध्य प्रदेश वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट उपलब्धियों के कारण न केवल “टाइगर स्टेट” बल्कि “लेपर्ड स्टेट” और “चीता स्टेट” के रूप में भी प्रतिष्ठित है। राज्य में देश की सबसे अधिक तेंदुआ आबादी दर्ज की गई है, जो यहां के समृद्ध वन्य आवासों का प्रमाण है। मध्य प्रदेश ने चीता पुनर्वास परियोजना के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों का सफल पुनर्स्थापन करके “चीता स्टेट” का गौरव भी प्राप्त किया है। कान्हा नेशनल पार्क, बांधवगढ़, सतपुड़ा और पन्ना टाइगर रिजर्व जैसे क्षेत्रों में वन्यजीव संरक्षण के लिए अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य की इस उपलब्धि को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वन्यजीव विशेषज्ञों ने भी सराहा है। उन्होंने कहा कि वन्यजीव संरक्षण के लिए राज्य की प्रतिबद्धता इसे देश के अग्रणी राज्यों में शुमार करती है।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर के माध्यम से स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित कर रीवा और सतना क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी।