MSP Update:- मध्य प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान, ज्वार और बाजरा की खरीद के लिए पंजीकरण प्रक्रिया चल रही है। 15 सितंबर से शुरू हुई यह प्रक्रिया 10 अक्टूबर तक चलेगी। सरकार ने किसानों से किसी भी परेशानी से बचने के लिए समय सीमा से पहले पंजीकरण कराने का आग्रह किया है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा की खरीद के लिए किसान लगातार पंजीकरण करा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 4,68,946 किसानों ने पंजीकरण कराया है। पंजीकरण 10 अक्टूबर तक जारी रहेगा। गौरतलब है कि पिछले साल 7,84,845 किसानों ने पंजीकरण कराया था। इस साल पंजीकरण का आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है।
प्रदेश में 1255 पंजीयन केन्द्र
मध्य प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने किसानों से आग्रह किया है कि समय पर पंजीयन करा लें जिससे उपार्जन में कोई समस्या नहीं हो। उन्होंने बताया है कि किसान पंजीयन की व्यवस्था को सहज और सुगम बनाया गया है। प्रदेश में 1255 पंजीयन केन्द्र बनाये गये हैं।
नि:शुल्क व्यवस्था के साथ पंजीयन
पंजीयन की निःशुल्क व्यवस्था ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर सहकारी समितियों एवं सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर और एम.पी. किसान एप पर भी की गई है।
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पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था
पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेन्टर कियोस्क, लोक सेवा केन्द्र और निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर की गई है। शासन ने स्पष्ट किया है कि प्रति पंजीयन 50 रुपये से अधिक शुल्क नहीं लिया जाएगा। किसान पंजीयन के लिए भूमि संबंधी दस्तावेज़ एवं किसान के आधार कार्ड एवं अन्य फोट पहचान पत्रों का समुचित परीक्षण कर उनका रिकार्ड रखा जाना अनिवार्य होगा।
आधार नंबर का वेरिफिकेशन बहुत जरूरी
जो किसान अपनी फसल बेचने के लिए पंजीयन कराने वाले हैं उन्हें धयन रखने होगा कि पंजीयन और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। वेरिफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी से या बायोमेट्रिक डिवाइस से किया जा सकेगा। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जबकि किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा।
अभी तक जिलों में पंजीयन की स्थिति
मध्य प्रदेश में अभी तक मुख्य रूप से बालाघाट में 57 हजार 223 किसान, जबलपुर में 24 हजार 710, सिवनी में 28 हजार 349, कटनी में 40 हजार 391, मण्डला में 18 हजार 473, डिण्डोरी में 10 हजार 590, नरसिंहपुर में 7 हजार 245, छिंदवाड़ा में 1,468, रीवा में 42 हजार 878, सतना में 36 हजार 113, मैहर में 17 हजार 427, सिंगरौली में 19 हजार 997, सीधी में 18 हजार 305, मऊगंज में 14 हजार 715, शहडोल में 23 हजार 723, उमरिया में 18 हजार 748, अनूपपुर में 13 हजार 612, पन्ना में 20 हजार 204, दमोह में 14 हजार 508, सागर में 889, रायसेन में 7 हजार 340, सीहोर में 5 हजार 434, विदिशा में 484, भोपाल में 33, नर्मदापुरम में 17 हजार 117, बैतूल में 5 हजार 905, हरदा में 315, भिंड में 363, मुरैना में 1533, श्योपुर में 43, ग्वालियर में 202, शिवपुरी में 205, दतिया में 130, देवास में 203, बड़वानी में 41 और झाबुआ में 20 किसानों ने पंजीयन कराया है।