नर्मदा जयंती पर नर्मदा लोक की पहली तस्वीर; क्यों मनाई जाती है जयंती? पढ़े पूरी खबर –

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Narmada Jayanti 2025 :- मां नर्मदा जयंती महोत्सव आज 4 फरवरी 2025 मंगलवार को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन भक्त नर्मदा नदी की पूजा करते हैं जो उनके जीवन में शांति और समृद्धि लाती है. मध्य प्रदेश में अमरकंटक, नर्मदा नदी का उद्गम स्थल, नर्मदा जयंती की पूजा करने के लिए एक लोकप्रिय स्थान है. नर्मदा जयंती के मौके पर हर साल पूरा शोभायात्रा के दौरान मां नर्मदा का सुंदर चित्रण होता है. इस दौरान, हजारों भक्त शहर के विभिन्न-विभिन्न घाटों पर भजन और देवी के गीत गाते हैं. हर साल शाम को संत और भक्त बनारस के प्रसिद्ध गंगा घाटों पर की जाने वाली आरती की तर्ज पर देवी नर्मदा की भव्य आरती करते हैं l

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MP की जीवनदायनी नर्मदा नदी

मां नर्मदा देश की एकमात्र ऐसी नदी है, जो पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है। इसे मध्यप्रदेश की लाइफलाइन भी कहा जाता है। प्रदेश में इसे ‘जीवंत नदी’ का दर्जा प्राप्त है। मध्यप्रदेश की जनता की गहरी आस्था इस नदी से जुड़ी हुई है। पुराणों में भी मां नर्मदा का उल्लेख मिलता है। इसे भगवान शंकर से जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से और मां नर्मदा के दर्शन मात्र से सारे पाप कट जाते हैं। नर्मदा नदी से निकलने वाले पत्थरों को शिवलिंग का दर्जा प्राप्त है, इनकी प्राण-प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती। यह नदी विंध्य और सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बहती है. यह पश्चिम दिशा में बहने वाली सबसे लंबी नदी है. इसे रेवा के नाम से भी जाना जाता है. नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर और महेश्वर बांध बने हैं.

नर्मदा जयंती क्यों मनाई जाती है

माघ माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मां नर्मदा का अवतरण हुआ था, इसलिए हर साल नर्मदा जयंती मनाई जाती है। इस दिन नर्मदा नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति के समस्त पापों से छुटकारा मिलता है। मां नर्मदा की उपासना करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि मिलती है। मध्यप्रदेश के अमरकंटक में नर्मदा जयंती का मुख्य कार्यक्रम होता है। नदी के तट पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है।

हिंदू ग्रंथों के अनुसार नर्मदा भगवान शिव के आशीर्वाद से जन्मी है. स्कंद पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है. ऐसा माना जाता है कि जो पुण्य गंगा में स्नान से प्राप्त होता है, वही केवल नर्मदा दर्शन से ही मिल जाता है.

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नर्मदा लोक ऐसे लेगा आकार

नर्मदापुरम में जल्द ही नर्मदा लोक आकार लेना शुरू कर देगा। नर्मदा लोक का काम 150 करोड़ रुपए की लागत से तीन चरणों में किया जाएगा। इसके पहले चरण में 20 करोड़ से कोरी घाट से नर्मदा घाट का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।

नर्मदापुरम के खर्राघाट से गोंदरी घाट तक 5 किलोमीटर लंबा नर्मदा लोक कॉरिडोर बनेगा इसकी टेक्निकल स्वीकृति के लिए नगर पालिका ने डीपीआर बनाकर भोपाल भेजी है। स्वीकृति आते ही फरवरी के आखिरी सप्ताह तक टेंडर हो जाएंगे। इसके बाद काम शुरू होगा।

नर्मदा लोक की डीपीआर इंदौर की कला आकार एसोसिएट्स ने तैयार की है। नर्मदा लोक कॉरिडोर में खर्राघाट से गोंदरी घाट तक 5 किमी में घाटों की सूरत बदलेगी। पार्किंग, सुरक्षा के मजबूत इंतजाम होंगे। नर्मदा लोक बनाने का काम कामाख्या देवी मंदिर बनाने वाली कंपनी को मिला है।

इस प्रोजेक्ट में राजघाट, विवेकानंद घाट और पोस्ट ऑफिस घाट की ड्रॉइंग एक समान रखी गई है। इसमें पूजन-पाठ के लिए गुर्जे बनेंगे। राजघाट पर तर्पण, पिंडदान हो सकेंगे। इसके अलावा घाट का चौड़ीकरण होगा। पोस्ट ऑफिस घाट पर ट्रैक भी बनेगा।

2023 में शिवराज ने की थी नर्मदा कॉरिडोर की घोषणा

वर्ष 2023 में नर्मदा जयंती पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी। शिवराज सिंह चौहान नर्मदा जयंती पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा था कि जैसा महाकाल लोक, सलकनपुर में देवी लोक बन रहा है, वैसा ही नर्मदापुरम में मां नर्मदा कॉरिडोर बनाया जाएगा।

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