Navratri 2025/झल्लार (विपुल राठौर):- आज हम आपको बताएंगे पंचमी विशेष , बैतूल मुख्यालय की टप्पा तहसील झल्लार में माताओं की शक्ति के अलग अलग 5 प्राचीन मंदिर के बारे में जानेंगे।
- मां दुर्गा मंदिर
मां जगदम्बे का भव्य मंदिर झल्लार के बीचों बीच बाजार चौक पर स्थापित है इस मंदिर की स्थापना सन 1999 में ग्रामवासियों के द्वारा की गई थी। यहां नवरात्र में महाआरती , भंडारे, रामलीला जैसे अनेक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, तथा सैंकड़ों को संख्या में यहां भक्त दर्शन के लिए पहुंचते है।
बात करे दूसरे मंदिर की…
- मां मरही माता काली मंदिर
यहां मंदिर झल्लार के ग्राम तालाब के पास यहां प्राचीन मंदिर है जहां मरही माता पेड़ के नीचे स्थापित थी। वही सन 2005 में मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ तथा सन 2007 में मंदिर पूर्ण रूप से तैयार हुआ तब मरही माता के साथ महाकाली जी, काल भैरव बाबा, तथा भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग की स्थापना की आए दिनों यह मंदिर प्रचलित है।
हम बात करे तीसरे मंदिर की…
BETUL NEWS: शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशाल महिला स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
- माता मां, श्री राम मंदिर प्रांगण
झल्लार का सबसे प्राचीन मंदिर श्री राम मंदिर कहा जाता है। पूर्वजों द्वारा स्थापित यह मंदिर जहां माता मां का मंदिर स्थापित है प्राचीन मंदिर जहां प्रतिदिन भक्त जल लेकर जल चढ़ाने जाते है, तथा जिसे शरीर में माता दिखने (चिकनपाक्स) जैसी परेशानियों में पड़े लोग यह मंदिर में प्रार्थना करने जाते है। यहां माता मां के साथ भगवान श्री राम, बाबा भोलेनाथ की शिवलिंग, श्री हनुमान जी महाराज, राधे कृष्ण की प्राचीन मूर्ति भी स्थापित है।
अब बात करे हम चौथे मंदिर की…
- मां खोखली माता मंदिर
यह मंदिर भी झल्लार के प्राचीन मंदिरों में से एक है, बजार चौक से अंदर की तरह कनाते मोहल्ले में स्थापित माता खोखली का मंदिर भी पूर्वजों द्वारा स्थापित किया गया है। यह भी भक्त पूजा अर्चना करने पहुंचते है।
अब बात करे पांचवे मंदिर की…
- मां कर्मा मंदिर
यह मंदिर झल्लार के आमला रोड की तरफ स्थित है, माना जाता है कि मां कर्मा साहू समाज की कुलदेवी है, तथा इस मंदिर का निर्माण मुख्यतह साहू समाज द्वारा किया गया था, यहां श्री गणेश और मां कर्मा की मूर्ति स्थापित है।