Pitru Paksha 2025: सिद्ध क्षेत्र पारसडोह ताप्ती तट पर सर्व पितृ भागवत कथा का समापन

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Pitru Paksha 2025: मुलताई विकासखंड के प्रसिद्ध तीर्थ सिद्ध क्षेत्र पारसडोह ताप्ती तट पर चल रही सर्व पितृ शांति भागवत कथा का भव्य समापन किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने अपने पितरों के निमित्त पितृ तर्पण, पिंड दान, पितृ पूजन एवं गायत्री यज्ञ में सहभागिता की तथा मां ताप्ती में पवित्र स्नान कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा वाचक पंडित सुभाष कुम्भारे ने कथा के माध्यम से बताया कि पितृ हमारे अदृश्य सहायक होते हैं। पितृ पक्ष में श्रद्धापूर्वक तर्पण, पिंड दान एवं जलांजलि देने से वे प्रसन्न होते हैं और हमें शक्ति प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज विभिन्न योनियों से आकर तर्पण एवं अन्नदान की अपेक्षा करते हैं जिससे उन्हें तृप्ति, तुष्टि एवं सद्गति प्राप्त होती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में क्षेत्रीय परिजनों का विशेष सहयोग रहा। इसमें कमलेश कोषे, श्रावण धोटे, जितेंद्र प्रसाद सोनी, भरतलाल बिंझाडे, गरव्हा से डॉ. सहदेव बर्डे, रामचंद अडलक, प्रकाश काले, गोविंदराव लिखितकर खेमराज साबले सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई। यज्ञीय वातावरण में गायत्री मंत्रोच्चारण एवं महामृत्युंजय मंत्र द्वारा सभी के उत्तम स्वास्थ्य और कल्याण की कामना करते हुए विशेष आहुतियाँ समर्पित की गईं। कार्यक्रम में क्षेत्रीय परिजनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही, जिससे सम्पूर्ण वातावरण भक्ति और श्रद्धा से ओतप्रोत हो उठा।मुलताई विकासखंड के प्रसिद्ध तीर्थ सिद्ध क्षेत्र पारसडोह ताप्ती तट पर चल रही सर्व पितृ शांति भागवत कथा का भव्य समापन किया गया।

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इस अवसर पर क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने अपने पितरों के निमित्त पितृ तर्पण, पिंड दान, पितृ पूजन एवं गायत्री यज्ञ में सहभागिता की तथा मां ताप्ती में पवित्र स्नान कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा वाचक पंडित सुभाष कुम्भारे ने कथा के माध्यम से बताया कि पितृ हमारे अदृश्य सहायक होते हैं। पितृ पक्ष में श्रद्धापूर्वक तर्पण, पिंड दान एवं जलांजलि देने से वे प्रसन्न होते हैं और हमें शक्ति प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज विभिन्न योनियों से आकर तर्पण एवं अन्नदान की अपेक्षा करते हैं जिससे उन्हें तृप्ति, तुष्टि एवं सद्गति प्राप्त होती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में क्षेत्रीय परिजनों का विशेष सहयोग रहा। इसमें कमलेश कोषे, श्रावण धोटे, जितेंद्र प्रसाद सोनी, भरतलाल बिंझाडे, गरव्हा से डॉ. सहदेव बर्डे, रामचंद अडलक, प्रकाश काले, गोविंदराव लिखितकर खेमराज साबले सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई। यज्ञीय वातावरण में गायत्री मंत्रोच्चारण एवं महामृत्युंजय मंत्र द्वारा सभी के उत्तम स्वास्थ्य और कल्याण की कामना करते हुए विशेष आहुतियाँ समर्पित की गईं। कार्यक्रम में क्षेत्रीय परिजनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही, जिससे सम्पूर्ण वातावरण भक्ति और श्रद्धा से ओतप्रोत हो उठा।

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