Pitru Paksha 2025:- हिंदू धर्म में जब भी श्राद्ध, तर्पण या कोई पवित्र अनुष्ठान किया जाता है, तो उसमें जनेऊ धारण करने का विशेष महत्व होता है. यह सिर्फ एक धागा नहीं बल्कि एक प्रतीक है, जो व्यक्ति को उसके तीन बड़े ऋणों देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण की याद दिलाता है. पितृपक्ष में तो इसकी आवश्यकता और भी बढ़ जाती है, क्योंकि इस समय किए गए हर कर्म का सीधा संबंध पूर्वजों की तृप्ति से माना जाता है.
जनेऊ क्यों जरूरी है?
धार्मिक मान्यता है कि जनेऊ धारण किए बिना किए गए कर्म अधूरे माने जाते हैं जैसे बिना अग्नि के यज्ञ अधूरा है, वैसे ही बिना जनेऊ के श्राद्ध या तर्पण अधूरा कहा जाता है. यही कारण है कि पंडित और धर्मशास्त्रकार इस अवधि में इसका विशेष उल्लेख करते हैं.
पितृपक्ष में जनेऊ पहनने के मुख्य नियम
- शुद्धता का पालन करें स्नान करने के बाद ही नया या शुद्ध जनेऊ धारण करें.
- सही दिशा का ध्यान रखें श्राद्ध और तर्पण के समय उत्तर दिशा की ओर मुख करना शुभ माना गया है.
- सही विधि से पहनें जनेऊ हमेशा दाहिने कंधे से बाएँ कमर तक होना चाहिए. धागे मुड़े या उलझे हुए नहीं होने चाहिए.
- मंत्रोच्चार के साथ धारण करें “यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं” जैसे वैदिक मंत्र का उच्चारण करते हुए जनेऊ पहनना चाहिए.
- अशुद्ध होने पर बदलें यदि जनेऊ का धागा टूट जाए, अपवित्र हो जाए या ग्रहण-श्राद्ध जैसे अवसर बीत जाएँ, तो तुरंत नया जनेऊ लेना चाहिए.
Pitru Paksha 2025: जानिए किस दिन खत्म हो रहा है पितृ पक्ष?
श्राद्ध और तर्पण में इसका संबंध
पितृपक्ष में जब तर्पण किया जाता है, तो व्यक्ति हाथ में जल और तिल लेकर आचमन करता है. उस समय जनेऊ धारण करने से पूर्वजों तक तर्पण का फल सीधा पहुँचता है. मान्यता है कि अगर जनेऊ न पहना हो तो पूर्वज तर्पण स्वीकार नहीं करते.
अतिरिक्त धार्मिक दृष्टि
- जनेऊ के तीन धागे- सत्व, रज और तम का प्रतीक माने जाते हैं. यह व्यक्ति को संतुलन और संयम का संदेश देते हैं.
- गुरु ग्रंथों में उल्लेख- मनुस्मृति और धर्मशास्त्रों में इसे आत्मसंयम और धर्मपालन का सबसे बड़ा प्रतीक कहा गया है.
- पितृपक्ष में महत्व- पितृगण के प्रति सम्मान जताने के लिए जनेऊ को धारण करना उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का साधन है.
पितृपक्ष का पूरा आधार ही “श्रद्धा और शुद्धता” पर है. जनेऊ इस शुद्धता का पहला चरण है. अगर इसे सही नियमों के साथ धारण कर लिया जाए, तो श्राद्ध और तर्पण के कर्म अधिक फलदायी माने जाते हैं.