Prayagraj MahaKumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में 144वर्ष बाद जो महाकुंभ मेला लगा है वो काफ़ी पवित्र माना जाता ही। यहां पर स्नान करने देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आ रहे है।देश और दुनिया भर से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। इसी बीच लोगों की भारी भीड़ की वजह से वहां पर आए दिन कोई ना कोई घटना हो रही है। कई लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया है। वहीं महाकुंभ में 29 जनवरी की देर रात मची भगदड़ में कई लोगों ने अपनों को खो दिया, लेकिन हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां पर 60 साल का एक शख्स इस भगदड़ में अपने दोस्तों से बिछड़ गए थे। खूंटी गुरु के परिवार के बारे में अभय अवस्थी ने बताया कि खूंटी गुरु अविवाहित हैं और उनके परिवार में केवल एक बहन है, जिनका विवाह हो चुका है। जिसके बाद उसके दोस्तों और पड़ोसियों ने उन्हें मृत समझ कर उनकी तेहरवी करने लगे, लेकिन तभी वह अपने घर पहुंच गया। शख्स को जिंदा देख मौत का भोज तुरंत एक दावत में बदल गया और उनके परिजनों पड़ोसियों और दोस्तों ने सही सलामत वापस लौटने पर जश्न मनाया।
लोगों का दावा भगदड़ में हुई मौत
जब लोगों ने उससे पूछा कि वह कहां रह गया था, तो उस शख्स ने जो जवाब दिया वो भी चौंकाने वाला था। उसने बताया कि, वह साधुओं के गुट में चला गया था, जहां उन्होंने उनके साथ चिलम पी और उसके नशे में उसे समय का पता ही नहीं चला। तेरहवीं के दिन जिंदा घर आए खूंटी गुरु समाजसेवी बाबा अवस्थी ने बताया कि खूंटी गुरु फक्कड़ किस्म के व्यक्ति हैं। भजन में अपना समय व्यतीत करते हैं। उनके पास मोबाइल फोन भी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘भगदड़ की घटना के 12 दिन बीत जाने पर मोहल्ले के लोगों को आशंका हुई कि खूंटी गुरु के साथ कोई अनहोनी हो गई होगी और पिछले मंगलवार को लोगों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए ब्राह्मण भोज कराने की तैयारी की थी, तभी ई-रिक्शा से खूंटी गुरु घर पहुंच गए।’
भजन-भोजन की कमी नहीं
उन्होंने वापस लौटने के बाद बताया कि महाकुंभ मेला में भगवद भजन और भोजन की कोई कमी नहीं थी। इसलिए वे वहीं टिके रहे। आखिर 144 वर्षों के बाद ऐसा दुर्लभ योग बना था, तो उन्होंने इसका पूरा लाभ उठाया। खूब संगम स्नान का लाभ उठाया। साधु-संतों के भजन सुनते रहे। वापस लौटने का मन ही नहीं हुआ।