महाकुंभ क्षेत्र में मंगलवार रात करीब 2 बजे अचानक भगदड़ मच गई थी। जिसमें 30 लोगों की मृत्यु हुई है और 36 घायलों का प्रयागराज में इलाज़ चल रहा है। बाकी घायलों को उनके परिवार के सदस्य लेकर चले गए हैं। देखा जाए तो मरने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो सकता है क्योंकि, अभी भी मेला क्षेत्र में कई लोग परिजनों को खोज रहे हैं। जिनका कोई पता नहीं चल रहा है। प्रशासन द्वारा लगातार राहत बचाव कार्य चला रहा है।मौके पर भारी पुलिस और सुरक्षा बल तैनात है। हालांकि, अब महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन ने 5 बड़े बदलाव किए हैं। ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और अव्यवस्था से बचा जा सके। इन बदलावों में वाहन प्रवेश पर बैन, वीवीआईपी पास रद्द करने, ट्रैफिक व्यवस्था जैसे कदम उठाए गए हैं।
अभी भी लाखों लोग रास्तों में फंसे प्रशासन कर रहा है खाने पीने की व्यवस्था
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज में परसों रात से हर तरह के वाहन का प्रवेश बंद है।सारे हाइवे बंद पड़े हैं। ऐसे में लाखों लोग फिलहाल रास्तों में ही फंसे हुए हैं। संगम स्नान के लिए महाकुंभ पहुंचना इस समय काफी मुश्किल हो गया है।प्रशासन ने अभी तक ये साफ नहीं किया है कि ये रास्ते कब तक खुलेंगे। बता दें कि मध्य प्रदेश बॉर्डर, फतेहपुर, कौशांबी, लखनऊ हाइवे, प्रतापगढ़, अयोध्या हाइवे, कानपुर GT रोड, वाराणसी के हाइवे भी फिलहाल बंद हैं। महाकुंभ में आने वाली गाड़ियां रास्तों में ही फंसी हुई हैं।
मेला क्षेत्र में किए गए पांच बड़े बदलाव
- मेला प्रशासन की ओर से VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं।किसी भी विशेष पास के जरिए वाहनों को मेले में प्रवेश नहीं मिलेगा।
- मेला क्षेत्र में रास्ते वन-वे किए गए हैं ।श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एक तरफा मार्ग व्यवस्था लागू हुई जिसके तहत श्रद्धालुओं के एक मार्ग से एंट्री मिलेगी और वो दूसरे रास्ते से बाहर आ सकेंगे।
- 4 फरवरी बसंत पंचमी का स्नान संपन्न होने तक सख्त प्रतिबंध लागू रहेंगे, शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
- वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई गई है। प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रहा है।
- मेला क्षेत्र पूरी तरह नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है जिसके तहत सभी प्रकार के वाहनों का मेला क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।
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भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन अब कोई भी लापरवाही बरतने के मूड में नहीं हैं, इसलिए ये सख्त नियम लागू किए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य कुंभ क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने में सहयोग करें।