Shaniwar Ke Upay:- अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शनि का प्रभाव नकारात्मक है, तो उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। शनि के बुरे प्रभावों से न सिर्फ़ आर्थिक परेशानियां होती हैं, बल्कि मानसिक तनाव, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और रिश्तों में तनाव भी हो सकता है। धार्मिक और शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार, शनिवार को पीपल के पेड़ से जुड़े उपाय करने से शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में बहुत असरदार माना जाता है। इन उपायों को सही तरीके और भक्ति के साथ करने से शनि के बुरे प्रभावों से राहत मिल सकती है। गरुड़ पुराण और बृहत् पाराशर होरा शास्त्र के अनुसार, पीपल के पेड़ की पूजा करने और शनि मंत्रों का जाप करने से जन्म कुंडली में शनि की महादशा, साढ़े साती और ढैया के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
पीपल का महत्व
पीपल का वृक्ष सनातन धर्म में अत्यंत पवित्र और देवताओं का वास स्थल माना गया है। स्कंद पुराण, पद्म पुराण और अन्य ग्रंथों में इसका विशेष उल्लेख मिलता है। इसे विष्णु, शिव और ब्रह्मा का स्वरूप माना जाता है। विशेष रूप से शनि दोष शांति के लिए पीपल की पूजा करना फलदायी होता है।
पीपल पर जल चढ़ाना
शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष के पास जाकर उसके मूल (जड़) में जल अर्पित करें। इसमें गंगाजल मिलाना शुभ माना जाता है। इस प्रक्रिया से शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
दीपक प्रज्वलित करना
शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीपक प्रज्वलित करते समय “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें। यह उपाय शनि दोष को शांत करता है और व्यक्ति के जीवन में स्थायित्व लाता है।
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पीपल की परिक्रमा
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष की सात बार परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय शनि मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का जाप करें। यह उपाय शनि दोष के कारण उत्पन्न कष्टों को कम करता है।
पीपल को काला तिल चढ़ाना
शनिवार को पीपल के वृक्ष पर काले तिल, काला कपड़ा और सरसों का तेल चढ़ाएं। यह शनि देव के क्रोध को शांत करने का एक प्रभावी उपाय है।
भोग अर्पित करना
पीपल के पेड़ के नीचे गुड़ और चने का भोग लगाएं और इसे कौओं, कुत्तों या गरीबों में बांट दें। यह उपाय शनि दोष से मुक्ति पाने और सौभाग्य में वृद्धि करने में सहायक होता है।
ध्यान देने योग्य बातें
- पीपल की पूजा करते समय मन को शुद्ध और शांत रखें।
- पीपल के पत्तों को तोड़ने या नुकसान पहुंचाने से बचें।
- शनिवार के दिन पीपल की पूजा के साथ-साथ दान का विशेष महत्व है। काले तिल, कंबल, जूते और लोहे से बने वस्त्र दान करें।

