Skin Tips Care:- उम्र बढ़ने के साथ ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. खासकर के 30 से 35 की उम्र के बाद स्किन पर झुर्रियों जैसे एजिंग साइंस नजर आने लगते हैं. इसके अलावा मसल्स भी कमजोर होने लगती हैं. साथ ही हेयर और सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्या देखी जा सकती है. ऐसे में अपनी स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए 30 की उम्र के बाद एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स का उपयोग करने की सलाह दी जाती हैं.
मसल्स कमजोर होने पर चलने, उठने या फिर किसी भी काम को करने में बहुत परेशान होती है. दर्द और थकावट महसूस होती है. लेकिन इसके पीछे हमारे बिगड़ता लाइफस्टाइल और खानपान से जुड़ी कुछ आदतें हैं. ऐसे में हम किस तरह 35 प्लस की उम्र में भी फिट और हेल्दी स्किन पा सकते हैं.
एक्सपर्ट –
दिल्ली के श्रीबालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में सीनियर कंसल्टेंट, डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर विजय सिंघल ने बताया कि 30 की उम्र में अगर में चेहरे पर झुर्रियां नजर आना शुरू हो गई हैं और मसल्स में कमजोरी महसूस हो रही है, तो यह आपके शरीर से कुछ संकेत हो सकते हैं, जिसने नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. बल्कि अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करने चाहिए. सबसे पहले तो तंबाकू और धूम्रपान से पूरी तरह दूर रहें क्योंकि ये स्किन को जल्दी बुढ़ापे की तरफ ले जाते हैं और मसल्स को कमजोर कर सकते हैं. इसके अलावा सूर्य की हानिकारक किरणों से भी स्किन से जुड़ी समस्या हो सकती है और यह और झुर्रियों का कारण भी बन सकता हैं. ऐसे में सनस्क्रीन जरूर लगाएं.
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इसके साथ ही शराब पीने से परहेज करें क्योंकि इससे शरीर की मस्कुलर हेल्थ और स्किन की नमी पर बुरा प्रभाव पड़ता है. बैलेंस डाइट लें, जिसमें विटामिन सी, ई और प्रोटीन भरपूर मात्रा में हों, ये आपकी स्किन और मसल्स दोनों के लिए अच्छे होते हैं. इसके साथ ही नियमित रूप से एक्सरासाइज करें, खासकर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग इससे मसल्स को मजबूत बनाने में मदद मिलती है. लेकिन कुछ मेडिकल कंडीशन में इससे नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.
अपने लाइफस्टाइल में सुधार करें. रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें. ज्यादा शुगर और फैट वाले फूड्स खाने से परहेज करें. स्ट्रेस को कंट्रोल करें. इसके लिए मेडिटेशन आप रोजाना कर सकते हैं. इसके साथ ही शरीर को हाइड्रेट रखें, रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पिएं. समय-समय पर अपना हेल्थ चेकअप कराना भी इस उम्र में बहुत जरूरी है. ताकि किसी भी समस्या का समय पर पता लगाकर उसका इलाज किया जा सके.