Taro Farming: जिले के किसान अब आधुनिक खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं। क्योंकि, नई तकनीक अपनाकर सब्जी, फल और फूलों का अच्छा उत्पादन हो रहा है। लेकिन, एक ऐसी सब्जी भी है, जिसकी खेती के लिए न तो ज्यादा पानी की जरूरत होती है। न ही किसी खास विधि की। किसान पारंपरिक तरीके से इसकी खेती कर आसानी से लाखों रुपये कमा सकते हैं। लेकिन, बहुत कम किसान इसकी खेती करते हैं। इस वजह से इसकी मांग काफी ज्यादा रहती है। हम बात कर रहे हैं अरबी की, जिसे घुइया भी कहते हैं। इसकी खेती कम होने की वजह से बाजार में इसकी कीमत काफी ज्यादा है। इससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।
जिले के किसान कई सालों से अरबी की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें लाखों रुपये का मुनाफा हो रहा है। वहीं, बाराबंकी जिले के जैतपुर कस्बे के रहने वाले युवा किसान सत्येंद्र वर्मा ने 4 साल पहले दो बीघे में अरबी की खेती शुरू की थी। इससे उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ। आज वह करीब एक एकड़ में अरबी की खेती कर रहे हैं। इस खेती से उन्हें सालाना करीब दो से ढाई लाख रुपये का मुनाफा हो रहा है। प्रति बीघा 20 हजार तक आती है लागत
अरवी की खेती करने वाले किसान सत्येंद्र वर्मा ने बताया कि वे करीब 4 से 5 साल से अरवी की खेती कर रहे हैं। लेकिन पहले इतना मुनाफा नहीं होता था, जितना आज इस खेती से हो रहा है। फिलहाल हम करीब एक एकड़ में अरवी की खेती कर रहे हैं। इसमें लागत करीब 15 से 20 हजार रुपये प्रति बीघा आती है। और एक फसल पर करीब दो से ढाई लाख रुपये मुनाफा होता है। क्योंकि इसमें बीज, खाद, जुताई और मजदूरी आदि का खर्च शामिल होता है। इसके अलावा इसमें ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती।
12 दिन में निकल आता है पौधा
अरवी की खेती करना बहुत आसान है। सबसे पहले खेत की जुताई की जाती है। इसके बाद खेत को समतल करके उसमें कुछ दूरी पर अरवी बो दी जाती है। 10 से 12 दिन में पौधा निकल आता है। फिर इसकी सिंचाई की जाती है और खाद का छिड़काव किया जाता है। इससे पेड़ जल्दी तैयार हो जाता है। फिर फसल आनी शुरू हो जाती है, जिसे महज 10 से 11 महीने बाद खोदकर बाजार में बेचा जा सकता है।