UNION BUDGET 2025 : कैंसर और दुर्लभ बीमारियों की दवाएं होंगी सस्ती, देखें क्या सस्ता और क्या महंगा होगा

By betultalk.com

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UNION BUDGET 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज (1 फरवरी) अपने बजट भाषण में उन उत्पादों का खुलासा किया जो वित्त वर्ष 2025-26 में सस्ते और महंगे हो जाएंगे।

इस लेख में, हम उन वस्तुओं की एक सूची तैयार करेंगे जो महंगी या सस्ती हो जाएंगी। UNION BUDGET 2025 इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपके दैनिक या मासिक खर्चों पर इसका क्या असर पड़ने वाला है।

वित्त वर्ष 25-26 में सस्ते होने वाले उत्पाद
  • वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अगले 10 वर्षों तक जहाजों के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल, घटकों पर बीसीडी की छूट जारी रखेगी।
  • सरकार ने कोबाल्ट उत्पाद, एलईडी, जिंक, लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप और 12 महत्वपूर्ण खनिजों को मूल सीमा शुल्क से छूट दी है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि कैंसर और दुर्लभ बीमारियों की 36 दवाओं को मूल सीमा शुल्क से छूट दी जाएगी।
  • सरकार मछली पेस्टुरिया पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करेगी।
वित्त वर्ष 25-26 में महंगे होने वाले उत्पाद

उल्टे शुल्क ढांचे को सुधारने के लिए, सरकार इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर मूल सीमा शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करेगी। इसका मकसद घरेलू निर्माताओं को सपोर्ट देना और ड्यूटी स्ट्रक्चर को बैलेंस करना है।

प्रोविजनल असेसमेंट के लिए नया नियम- सरकार ने प्रोविजनल असेसमेंट की अधिकतम समयसीमा 2 साल तय कर दी है। इससे इंपोर्ट-एक्सपोर्ट करने वाले व्यवसायों पर असर पड़ेगा, लेकिन इससे कस्टम क्लियरेंस की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज़ हो जाएगी।

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BUDGET 2025 का मार्केट पर असर

स्वास्थ्य और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को फायदा – दवाओं और कच्चे माल पर दी गई छूट से स्वास्थ्य और औद्योगिक उत्पादन की लागत कम होगी। इससे फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरी निर्माण और शिपबिल्डिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।

टेक प्रोडक्ट्स हो सकते हैं महंगे – इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर कस्टम ड्यूटी बढ़ने से टेक इंडस्ट्री पर असर पड़ेगा और ऐसे प्रोडक्ट्स महंगे हो सकते हैं।

‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर एक और कदम – कस्टम टैरिफ में सुधार और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को और मजबूत करेंगे।

बजट 2025 में जहां एक ओर कई जरूरी वस्तुओं को सस्ता किया गया है, वहीं कुछ उत्पाद महंगे भी हुए हैं। कस्टम ड्यूटी में बदलाव सरकार की इस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसका मकसद भारत को एक प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाना है।

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