UP News Today:- उत्तर प्रदेश की एक चौंकाने वाली घटना में, एक 50 वर्षीय महिला अपने 30 वर्षीय पोते के साथ भाग गई और एक मंदिर में उससे शादी कर ली। इंद्रावती नाम की इस महिला के चार बच्चे हैं, दो बेटे और दो बेटियाँ, लेकिन उसने अपने पोते आज़ाद से शादी करने के लिए अपना पूरा परिवार छोड़ दिया।
दोनों गोविंद साहब मंदिर गए, एक-दूसरे से शादी की, सिंदूर लगाया, पवित्र अग्नि के चारों ओर सात फेरे लिए और शादी कर ली। UP News Today शादी के बाद वे गांव से गायब हो गए।
चौंकाने वाला प्रेम प्रसंग
50 वर्षीय इंद्रावती और उसका 30 वर्षीय पोता आजाद अंबेडकरनगर में एक-दूसरे के करीब रहते थे। पिछले कुछ समय से वे गुप्त रूप से प्रेम संबंध में थे। अक्सर मिलने-जुलने के बावजूद, किसी को कुछ भी असामान्य होने का संदेह नहीं हुआ, क्योंकि वे परिवार के सदस्य थे।
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पति का शक
भागने से चार दिन पहले इंद्रावती के पति चंद्रशेखर ने उन दोनों को गुप्त रूप से बात करते हुए पकड़ लिया। उसे शक हुआ और जब उसे उनके प्रेम संबंध के बारे में पता चला, तो उसने इसका कड़ा विरोध किया। उसने उन्हें रिश्ता तोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन इंद्रावती और आजाद ने उनकी एक न सुनी और अपनी योजना पर आगे बढ़ने का फैसला किया।
पुलिस की संलिप्तता
चंद्रशेखर मदद के लिए पुलिस के पास भी गया, लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। चूंकि इंद्रावती और आजाद दोनों वयस्क थे, इसलिए उन्हें अपने साथी चुनने का अधिकार था।
परिवार को जहर देने की योजना
इंद्रावती ने आजाद के साथ मिलकर अपने पति और बच्चों को जहर देकर उनसे छुटकारा पाने की खतरनाक योजना भी बनाई।
चंद्रशेखर का दिल टूटना और फैसला
चंद्रशेखर ने बताया कि इंद्रावती उनकी दूसरी पत्नी थीं। काम के सिलसिले में उन्हें अक्सर घर से दूर रहना पड़ता था, जिससे उन्हें और आज़ाद को करीब आने का मौका मिलता था। इस विश्वासघात से बहुत दुखी होकर, चंद्रशेखर ने अपनी पत्नी के लिए “तेरहवीं” (किसी की मृत्यु के 13वें दिन मनाया जाने वाला हिंदू समारोह) नामक अनुष्ठान करने का फैसला किया है। इस कृत्य का प्रतीकात्मक अर्थ है कि वह उसे अपने लिए “मृत” मान रहा है।