UPI Transfar: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस यानि UPI आज के दौर में लेनदेन का बड़ा माध्यम बन चुका है। करोड़ों लोग इसे यूज कर सकते हैं। छोटे-बड़े विभिन्न प्रकार के ट्रांजेक्शन के लिए यूपीआई की मदद लेते हैं। भारत इसका विस्तार UAE समेत कई देशों तक कर चुका है। एनआईआर भी अब आसानी से यूपीआई का इस्तेमाल करके भुगतान कर सकते हैं। कई बैंक यह सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
यूजर्स को धोखाधड़ी से बचाने के लुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने गाइडलाइंस जारी की है। सुरक्षा सुनिश्चित कुछ टिप्स साझा किए हैं। यदि आप भी डिजिटल पेमेंट करते हैं तो इन बातों का खास ख्याल रखें। ताकि स्कैमर्स को निशाना न बना सकें। छोटी सी गलती आपके बैंक अकाउंट के लिए खतरा बन सकती है। आइए जानें उपभोक्ता क्या करें और नहीं?
इन 5 बातों का रखें खास ख्याल
जब भी आप भुगतान करीं तब स्क्रीन पर दिखने वाले नाम या आईडी को सत्यापित करें। यह सुनिश्चित करें कि आप जिसे पैसे भेज रहे हैं वह सही व्यक्ति या बिजनेस है या नहीं।
ओटीपी, यूपीआई पिन और बैंक डिटेल सभी जानकारी प्राइवेट होनी चाहिए। इसे किसी के साथ शेयर न करें। बैंक, पुलिस और सरकारी अधिकारी बनकर धोखेबाज स्कैम को अंजाम दे सकते हैं।
हमेशा आधिकारिक या प्रसिद्ध ऐप के जरिए ही डिजिटल भुगतान करें। किसी भी अनजान व्यक्ति या संस्थान द्वारा भेजे गए लिंक के जरिए ऐप या वेबसाइट पर जाकर भुगतान न करें। प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से ऐप्स इंस्टॉल करें।
MP Gold Price : सोना चांदी में फिर आई उछाल– जानिए लेटेस्ट रेट
यदि कोई आपसे जल्द से जल्द पेमेंट करने या बैंक डिटेल्स शेयर करने को कहे तो थोड़ा सोच-विचार जरूर करें। पहले व्यक्ति या संस्थान को सत्यापित करें। समय लेने के बाद ही कोई फ़ैसला लें।
धोखाधड़ी की शिकायत कहाँ करें?
संदिग्ध गतिविधियों की शिकायत यूपीआई यूजर्स नेशनल साइबर क्राइम पोर्ट पर जाकर कर सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर 1930 का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। दूरसंचार विभाग संचार साथी पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। एनपीसीआई ने यूजर्स को मैसेज, स्क्रीनशॉट और जरूरी दस्तावेजों को सेव करने की सलाह भी दी है।