विभाग पेड़ों की छँटाई कराने नहीं दिखा रहा दिलचस्पी, लोगों में बना हुआ है भय
BETUL SAMACHAR / आमला :- शहर की सड़क किनारे लगे पेड़ों की टहनियां झूल रही है। बड़े और ऊंचे वाहनों के आवागमन के दौरान यह पेड़ों की टहनियां टकराती है। जिससे चालकों का ध्यान भ्रमित होता है। कुछ पेड़ों की टहनियां बिजली तारों के ऊपर लटक रही है। ऐसे में यह दुर्घटना का कारण भी बन सकती है। लेकिन संबंधित विभाग पेड़ों की टहनियों की छँटाई तक नहीं करवा रहा है। दरअसल डाकघर से रेलवे क्रॉसिंग, शनिचरा बाजार और जनपद चौक से पीर मंजिल चौक तक की सड़क के दोनों किनारों पर पेड़-पौधे लगे हुए है। इन पेड़ों की टहनियां सड़क पर आ गई है। जब कोई बड़ा वाहन सड़क से गुजरता है तो टहनियां वाहनों में भरे सामान से टकराती है। जिससे पेड़ों की टहनियों के टूटने और टहनियों में फंसे बिजली केबल के तारों के टूटने की संभावना रहती है। शहरवासियों का कहना है कि रात के समय पेड़ों की छांव से लोगों को आने-जाने में भी भय लगता है। कई बार पेड़ों की टहनियों को छांटने के लिए लोगों ने मांग भी की। लेकिन अब तक पेड़ों की छटनी नहीं की गई है। चूंकि यह पेड़ मुख्य सड़क और व्यस्ततम क्षेत्रों में है, इसलिए इन पेड़ों से ज्यादा खतरा बना हुआ है। ऐसे में रास्ते के इन पेड़ों की छटनी जरूरी है। लोगों ने विभाग से पेड़ों की छटाई कराने की मांग की है।
टहनी गिरने और केबल टूटने से हो सकता है हादसा
सड़क किनारे लगे पेड़ों की टहनियों के टूटकर नीचे गिरने या केबल में फंसने से बड़ा हादसा भी हो सकता है, क्योंकि जिस सड़क किनारे यह पेड़ लगे है, वह शहर की मुख्य सड़कों में शामिल है। ऐसे में इस सड़क पर चौबीसों घंटे यातायात का दबाव बना रहता है। टहनियों के टूटकर नीचे गिरने से यातायात तो प्रभावित होगा ही, साथ ही बिजली तारों के क्षतिग्रस्त होने या टूटकर नीचे गिरने से लोग करंट की चपेट में आ सकते है। इसके अलावा घंटों बिजली सप्लाई बाधित रहेगी, वह अलग। शहरवासियों का कहना है कि जो पेड़ सड़क पर झुक गए है, उन पेड़ों को चिन्हित कर छांटने की कार्रवाई विभाग को करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ये पेड़ हादसे या दुर्घटना का कारण न बन सके।
हवा चलने से लहराते है पेड़
मुख्य सड़क किनारे पेड़ खड़े है। इनमें नीलगिरी के पेड़ भी शामिल है, जो काफी लंबे है और हवा चलने से सड़क की ओर झूक जाते है। इससे हादसे की आशंकाएं बढ़ गई है। सागर चौहान, नितिन ठाकुर, अमित यादव ने बताया कि पिछले साल भी गर्मी के दिनों में पेड़ की टहनी टूटकर दुकान पर गिर गई थी। हालांकि इस घटना में कोई चोटिल नहीं हुआ था, लेकिन बड़े-बड़े और ऊंचे-ऊंचे पेड़ों से हमेशा इसी तरह की घटनाएं होने का डर लोगों में बना रहता है। शहरवासियों का कहना है कि हवा चलते समय ऐसा लगात है कि ये पेड़ अब गिरे या कब, इससे वहां से गुजरने वाले लोगों को हमेशा इन पेड़ों से खतरा बना रहता है।
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पेड़ों की वजह से सड़क पर नहीं आती रोशनी
सड़क किनारे ऊंचे-ऊंचे पेड़ों से राहगीरों को डर लगा रहता है। राहगीरों राधे धुर्वे, रेवाराम यादव, दिनेश ने बताया कि रात के समय जब हवा चलती है तो पेड़ों की टहनियों से तेज आवाज आती है। जिससे रात के समय इन सड़कों से गुजरने में भी डर लगता है। वहीं पेड़ों की परछाई के कारण सड़क पर अंधेरा भी रहता है। आम रास्ता होने के कारण यहां से हमेशा लोगों की पैदल और वाहनों से आवाजाही बनी रहती है। ऐसे में रात्रि के समय इन पेड़ों की परछाई के कारण सड़क और पैदल राहगीर नजर नहीं आते और हादसों का अंदेशा बना रहता है। ऐसे में लोग वाहन से टकराकर घायल हो सकते है।