ग्रीष्मकाल में जलस्त्रोत सूखने से पानी की तलाश में खेतों तक पहुंचते हैं वन्य प्राणी
Betul Samachar/मुलताई। प्रभात पट्टन विकासखंड अंतर्गत मासोद क्षेत्र के दातोरा गांव में रात खेत में सिंचाई करने गए किसान पर भालू ने हमला कर दिया जिससे किसान गंभीर रूप से घायल हो गया। जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में किसान की मौत हो गई जिससे दातोरा सहित आसपास लोगों में भय व्याप्त है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दातोरा सहित अन्य गांवों में रात में लाईन रहने से किसान सिंचाई करने जाते हैं। रविवार सोमवार की दरमियानी रात गोपाल हारले 40 वर्ष खेत में जाकर झोपड़ी नुमा मचान पर सो गया तथा रात लगभग 2 बजे ट्यूबवेल चालू करने के लिए मचान के नीचे उतरा इसी दौरान वहां मौजूद भालू ने उस पर हमला कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि इस दौरान गोपाल ने चिल्लाया तब तक भालू ने उसके मुंह, हाथ, पैर तथा पीठ पर कई हमले कर दिए जिससे गहरे घाव बन गए तथा रक्तस्त्राव होने लगा। गोपाल के चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास से जब किसान पहुंचे तो भालू भाग गया । किसानों ने देखा कि गोपाल लहुलुहान अवस्था में पड़ा हुआ है। किसानों ने तत्काल फोन से परिजनों को सूचना दी जिस पर परिवार जन तत्काल निजी वाहन से जिला अस्पताल के लिए रवाना हुए। बताया जा रहा है कि अत्याधिक रक्तस्त्राव होने से गोपाल ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया जहां जिला अस्पताल में चिकित्सक द्वारा मृत घोषित किया गया।
वन विभाग ने दी 10 हजार रूपए सहायता राशि
इधर दातोरा में भालू के हमले की सूचना मिलने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी नितिन पंवार, सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रमोद कलसुले मौके पर पहुंचे तथा घटना स्थल का मुआयना किया। इस संबन्ध में रेंजर नितिन पंवार ने बताया कि मृतक के परिजनों को तत्काल 10 हजार रूपए सहायता राशि दी गई है तथा मुआवजा का प्रकरण बनाया जा रहा है ताकि मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता प्राप्त हो सके।
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ग्रीष्मकाल में बढ़ती है हमले की घटनाएं
ग्रीष्मकाल में जंगलों में धीरे धीरे जलस्त्रोत सूख जाते हैं तथा मई माह में अधिकांश जलस्त्रोत सूखने से वन्य प्राणी पानी के लिए गांव तथा खेतों की ओर रूख करते हैं। ऐसे समय ग्रामीणों से आमना सामना होने पर वन्य प्राणी बचाव के लिए हमला कर देते हैं। प्रतिवर्ष ग्रीष्मकाल में वन्य प्राणी गांवों की ओर बहुतायत नजर आने लगते हैं जिसके साथ ही हमले की घटनाएं भी बढ़ती है। फिलहाल गर्मी चरम पर है जिससे वन्य प्राणी जंगलों से निकलकर गांव तथा खेतों में पहुंच रहे हैं जिससे हमले की घटनाएं बढ़ रही है।