मुख्य मार्ग बंद लोग हुए मूलभूत सुविधा से वंचित, अधिकारी बोले निर्माण में एक माह लगेगा
Betul Ki Khabar/मुलताई। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा फोरलेन परमंडल चौराहे से ड्रीमलैंड सिटी तक विगत चार माह से बनाए जा रहे एक किलोमीटर को ठेकेदार द्वारा अधूरा छोड़कर चले जाने के बाद पीडब्ल्यूडी द्वारा मुख्य मार्ग बंद कर दिया गया है। पीडब्ल्यूडी द्वारा ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करते हुए लोगों को सड़क की मूलभूत सुविधा से वंचित किया जा रहा है जिससे लोग भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं। बसस्टेंड से वाहन लगभग दो किलोमीटर आगे जाने के बाद वापस आ रहे हैं जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बेरिकेट्स लगाकर बकायदा मार्ग बंद कर पत्थर रख कर प्रवेश बंद का बोर्ड लगा दिया गया है जिससे मुख्य मार्ग से दो किलोमीटर तक बैतूल के लिए आगे जाने वाले वाहन चालक सूचना बोर्ड देखकर ठगा सा महसूस कर रहे हैं। नागरिकों ने बताया कि पीडब्ल्यूडी द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था करने की जगह सीधे मार्ग बंद कर दिया गया है जो नियमानुसार नही किया जा सकता। जागरूक नागरिकों ने बताया कि यदि इस समय नगर में मुख्य मंत्री या अन्य कोई मंत्री आता तो रातों रात पीडब्ल्यूडी द्वारा वैकल्पिक तौर पर मार्ग बना दिया जाता क्योंकि ऐसा पहले भी हो चुका है। वर्तमान स्थिति यह है कि बैतूल की ओर जाने वाला मुख्य मार्ग बंद कर देने से शादियों के सीजन में बाहर से आने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही है वहीं जनप्रतिनिधियों को भी समस्या से कोई सरोकार नजर नहीं आ रहा है।
विभाग के खिलाफ की जा सकती है एफआईआर (Betul Ki Khabar)
नगर के प्रमुख मार्ग को बंद कर देने से लोगों को होने वाली परेशानी के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग पर नियमानुसार एफआईआर की जा सकती है। कानून के जानकार अधिवक्ता राजेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि लोगों को मूलभूत सुविधा से वंचित नहीं किया जा सकता उसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाना चाहिए। मुख्य मार्ग बंद कर देना समस्या का समाधान नही है। इसलिए यदि नागरिक चाहें तो वे विभाग के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकते हैं। इधर विभाग द्वारा काम छोड़कर चले जाने वाले ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है जिससे लोग अधूरे मार्ग का जहां पहले दंश झेलने पर मजबूर थे वहीं अब मार्ग बंद होने से प्रतिदिन समस्या का सामना कर रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों को समस्या से सरोकार नहीं (Betul Ki Khabar)
समस्याओं के निराकरण के लिए जिस उम्मीद से नगर सहित पूरे क्षेत्र में मतदाताओं ने जनप्रतिनिधियों को चुना था उन जनप्रतिनिधियों को इस विकराल तथा प्रमुख समस्या से कोई सरोकार नजर नही आ रहा है। पूर्व में लोगों ने लगातार ज्ञापन देकर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत कराया जब किसी ने ध्यान नही दिया तो ग्रामीणों ने स्वयं मार्ग को बंद कर दिया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अधूरे मार्ग के कारण धूल एवं लगातार दुर्घटनाओं से से परेशान होकर उनके द्वारा मार्ग बंद किया गया है यदि मार्ग खोला गया तो वे आंदोलन करने से नही चूकेंगे। इधर विभाग द्वारा कहा जा रहा है कि शार्ट टेंडर की पूरी प्रक्रिया एवं निर्माण में एक माह से अधिक समय लग सकता है ऐसी स्थिति में क्या लगातार लोगों को एक माह तक समस्या का सामना करना पड़ेगा यह सवाल सभी के सामने खड़ा है।
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नागरिकों ने कहा किसी मंत्री को बुलाओं तो मार्ग बने (Betul Ki Khabar)
पूर्व में मुख्यमंत्री मोहन यादव के नगर में प्रथम आगमन पर जिस तरह नगर के विभिन्न विभागों ने लीपापोती के लिए रातों रात काम किए थे उसकी चर्चा आज तक बनी हुई है। चाहे पीडब्ल्यूडी विभाग हो, विद्युत विभाग हो, नगर पालिका हो या अन्य विभाग मुख्यमंत्री के आने के पहले जहां पूरे मार्ग के गड्ढे भरे गए वहीं रातों रात सूचना बोर्ड लगाए गए। कहीं लाईन बदली गई तो कहीं ट्रांसफार्मर बदले गए। हर विभाग द्वारा रंगाई पुताई के साथ अपने पेंडिग कामों की भी लीपापोती की गई थी। नागरिकों ने बताया कि ऐसे समय किसी मंत्री का आगमन होना चाहिए ताकि रातों रात सड़क बन जाए और लोगों को राहत मिल सके अन्यथा विभागीय लापरवाही से लोग ऐसे ही समस्या से जूझते रहेंगे।