आज होगा शंकराचार्य की उपस्थिति में महायज्ञ का समापन
Betul Samachar/मुलताई। पवित्र नगरी में आयोजित दिव्य सूर्य महायज्ञ में मंगलवार बड़ी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति नजर आई तथा महिलाओं ने पूरे भक्तिभाव के साथ लाखों पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया। मंगलवार सुबह से ही महायज्ञ स्थल पर नगर सहित पूरे क्षेत्र से महिलाओं का पहुंचना प्रारंभ हो गया। दोपहर तक विशाल पंडाल महिलाओं से भर गया जिससे बड़ी संख्या में महिलाओं ने पंडाल के बाहर बैठकर शिवलिंग का निर्माण किया। महायज्ञ समिति के सदस्यों ने बताया कि प्रतिदिन महिलाओं की भीड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण के लिए उमड़ रही है तथा मंगलवार भारी संख्या में नगर सहित पूरे क्षेत्र से महिलाएं यज्ञ स्थल पर पहुंची तथा शिवलिंग का निर्माण किया। समिति के सदस्यों ने बताया कि लाखों की संख्या में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर अभिषेक किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि महायज्ञ के दौरान सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। जो धीरे धीरे पूर्णता के करीब है। इधर दिव्य सूर्य महायज्ञ में प्रतिदिन श्रद्धालुओं द्वारा आहुति डाली जा रही है।
शंकाराचार्य एवं धर्माचार्य को सुनने पहुंचे हजारों लोग
दिव्य सूर्य महायज्ञ में जहां पहले धर्माचार्य सोमेश परसाई पहुंचे वहीं 15 जून को जगद्गुरू शंकराचार्य सदानंद सरस्वति भी पवित्र नगरी पहुंचे। शंकराचार्य एवं धर्माचार्य के मुखारविंद से धर्म एवं नदियों के महत्व को बताया जा रहा है जिसे सुनने के लिए पूरे क्षेत्र से श्रद्धालु महायज्ञ स्थल पर उमड़ रहे हैं। शंकराचार्य सदानंद सरस्वति ने मां ताप्ती की नगरी में पहुंचकर नदियों के धार्मिक, सामाजिक तथा आर्थिक महत्व से सभी को अवगत कराया वहीं बताया कि नदियां जन जन की आस्था का भी केन्द्र है। जिन्हे भारतवर्ष में मां के तुल्य पूजा जाता है।
आज होगा महायज्ञ का समापन
पवित्र नगरी में विगत 12 जून से प्रारंभ दिव्य सूर्य महायज्ञ का समापन 18 जून बुधवार को होगा। समिति के सदस्यों ने बताया कि दिव्य सूर्य महायज्ञ में महामंडलेश्वर, धर्माचार्य तथा शंकराचार्य जी ने उपस्थिति दर्ज कराई जिससे महायज्ञ सफल हुआ। उन्होने बताया कि महायज्ञ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे तथा यज्ञ में आहुति डाली वहीं सवा करोड़ पार्थिव शिलिंग के निर्माण में अपना सहयोग प्रदान किया। उन्होंने बताया कि आगामी समय में मां तामी की नगरी में अनेकों धार्मिक आयोजन एवं अनुष्ठान संपन्न होंगे।