10.10 लाख में हुआ पूर्णा मेले का ठेका
Betul News Today / भैंसदेही (मनीष राठौर) :- भैसदेही भैसेदही अंतर्गत ग्राम पंचायत काटोल के ग्राम देवलवाड़ा में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी पूर्णा माई मेला का आयोजन 14 नवंबर से 28 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। इस मेला परिसर में लगने वाली दुकानो से भुखण्ड किराया वसूली एवं वाहन टेक्स वसूली व विद्यूत व्यवस्था/ टेन्ट माईक व्यवस्था की नीलामी कार्यवाही 8 नवंबर शुक्रवार को दोपहर 1 बजे से जनपद पंचायत भैसदेही के सभा कक्ष आयोजित की गई। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष यशवंती धुर्वे, उपाध्यक्ष पवन परते, जनपद सदस्य ऋषभदास सावरकर, धनराज झाड़े, मेला अधीक्षक एंव अनुविभागीय अधिकारी शैलेन्द्र कुमार हनोतिया, तहसीलदार भगवानदास कुमरे, सीईओ जितेन्द्र सिंह ठाकुर, जनपद सदस्य संजय धुर्वे एवं जनपद पंचायत के समस्त कर्मचारी, अधिकारीगण मौजूद रहे। नीलामी में हेमन्त सावरकर निवासी भैसदेही द्वारा प्रथम बोली राशि 10.10 लाख लगाई है एवं देवीराम नरवरे निवासी चिचोलीढाना द्वारा द्वितीय बोली राशि 10.09 लाख लगाई गई। पूर्णा माई मेला समिति द्वारा सर्वसम्मिति से हेमन्त सावरकर निवासी भैसदेही द्वारा प्रथम बोली राशि रू0 10.10 लाख को स्वीकृति दी गई। गौरतलब रहे कि नीलामी में बोली लगाने के लिए कुल 16 लोगों ने फार्म भरे थे, जिसमें सर्वोच्चम बोली लगाने वाले व्यक्ति को मेले का ठेका दिया गया है।
भूखण्ड किराया की यह रहेगी दरें
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेले में दुकानो के लिए भुखण्ड किराया रोड साइड 6.00 रु. एवं अंदर 4.00 रु. प्रति वर्गफुट की दर से निर्धारित है। टूरिंग टाकीज के लिए 10000 प्रति टॉकीज निर्धारित है। झूला 10000 रूपये निर्धारित किया है। सरकस 10000टेक्स निर्धारित है। मौत कुआं 10000 रूपये, अस्थाई चलचित्र, फेरीवाले, हाथठेला, पान, फल-फु्रड ठेला आदि से 50 रूपये प्रतिदिन, वाहन स्टैण्ड पर लगने वाले वाहनों के लिये मोटर साईकिल 20 रूपये और जीप/ट्रेक्टर आदि 50 रूपये एवं साइकिल 10 रूपये टैक्स निर्धारित किया है।
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मेले में पहुचंते है बड़ी संख्या में श्रद्धालु
पूर्णा मेले में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। यहां मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु माँ पूर्णा की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करता है, उनकी मनोकामना पूर्ण होती है। यहीं वजह है कि प्रतिवर्ष यहां बैतूल जिले के अलावा महाराष्ट्र से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए यहां अनेको दुकाने भी लगती है। मनोरंजन, खानपान सामग्री और पूजन सामग्री की दुकानें मेला स्थल पर लगाई जाती है। लोग इन दुकानों पर पहुंचकर स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाते है एवं मनोरंजन के लिए झूलों में झूला झूलते है।