Betul News: ड्राई बैटरी, लुब्रिकेंट्स, इलेक्ट्रिकल, ऑटोमोबाइल और सबसे ज्यादा न्यूक्लियर रिएक्टर में मॉडरेटर के रूप में उपयोग होने वाला ग्रेफाइट बैतूल को नई पहचान दे सकता है। यदि सब कुछ ठीक रहा और कंपनी ने ठेके का अग्रिम भुगतान और सिक्योरिटी राशि जमा कर दी तो यहां की ग्रेफाइट खदानों से इसे निकालने का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए नीलामी प्रक्रिया पूरी कर ली है।
बैतूल के गोलाघाट में ग्रेफाइट और वैलियम की उपलब्धता के बाद भारत सरकार के खान मंत्रालय ने 155.05 फीसदी अधिक बोली पर यह ठेका शांति जीडी इस्पात एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। कंपनी ने सबसे अधिक अंतिम मूल्य का प्रस्ताव पेश किया था। जिसे खान मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है। इसके लिए मंत्रालय ने ई-नीलामी के बाद स्वीकृत बोली को मान्य करते हुए कंपनी को 5 अगस्त तक 1 करोड़ 1 लाख 68 हजार जमा करने को कहा है। जबकि कंपनी को बोली की पूरी राशि 5 करोड़ 8 लाख, 41 हजार, 519 रुपए तीन किस्तों में चुकानी होगी।
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ग्रेफाइट का यह ब्लॉक बैतूल विकासखंड में शुरू होगा। इसके शुरू होने से बैतूल को खनिज मद में अच्छी खासी रॉयल्टी मिल सकेगी। खनिज अधिकारी मनीष पालेवार के अनुसार इसका प्रस्ताव वर्ष 2022 में भेजा गया था। जबकि बैतूल के गौठाना में ही ग्रेफाइट का ब्लॉक जल्द शुरू होगा। इससे खनिज मद में प्रति वर्ष एक करोड़ रुपए से अधिक की रॉयल्टी भी मिलेगी। 9 हेक्टेयर के इस ब्लॉक पर रायपुर की कंपनी टीम जियो रिसोर्स काम करेगी। जबकि गोलाघाट में यह ब्लॉक 22 हेक्टेयर का है। इसके शुरू होने के बाद यहां ग्रेफाइट आधारित उद्योग शुरू हो सकेंगे। जिससे क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा।