Betul Samachar / भैंसदेही (मनीष राठौर) :- पंचायतों में भ्रष्टाचार अब आम बात हो गई अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही के चलते विकास को किस तरह ठिकाने लगाया जाता है उसका जिता जागता उदाहरण आपको भैंसदेही विकासखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत नीमपान्या में देखने को मिलेगा, शासन की मंशानुरूप इस पंचायत में 20 लाख रुपए लागत की पंचायत भवन स्वीकृत किया गया, ग्रामीणों से मिली जानकारी अनुसार यह पंचायत भवन विगत 10 वर्ष पुर्व स्वीकृत हुआ जो आज भी विकास की रहा देख रहा है भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पंचायत भवन के स्थान पर महज लोहे के तेडे मेडे पीलर बनाकर खड़े हैं। जो दस वर्ष से ग्रामीणों को खड़े दिखाई दे रहें हैं, ऐसा नहीं है कि मामले कि शिकायत ग्रामीणों ने जनपद पंचायत सीईओ एवं जिला पंचायत सीईओ की परन्तु आज तक इस बड़े मामले में किसी ने जांच कराने की जहमत नहीं उठाई ग्रामीणों ने बताया कि पुर्व सरपंच सचिव ने राशि का दुरपयोग कर हज़म कर ली है और जनपद पंचायत में भी तालमेल बिठाकर मामला रफा-दफा कर दिया है इसी वजह से कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही हैं।
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पुर्व जनपद पंचायत सदस्य कमलेश बावने ने कहा कि उनके द्वारा विगत दस वर्षों में दर्जनों बार शिकायत कर दी है परन्तु कोई कार्यवाही नहीं होने से अब उन्होंने ने भी हाल मानकर 20 लाख रुपए स्वीकृत पंचायत भवन से आश खत्म कर दी है उन्होंने कहा कि जब सिस्टम ही ख़राब है तो किसके भरोसे जनता का पैसा बचाया जा सकता है। बरहाल मामला जो भी हो परन्तु भैंसदेही जनपद पंचायत के मुख्य अधिकारी पर सवाल खड़े करता है की आखिर विकास के पैसों का हुआ दुरुपयोग का जिम्मेदार कौन है और कार्यवाही कब होगी। आखिर देखना होगा कि इतने बड़े मामले में अधिकारी का कार्यवाही करते हैं।