मासोद रोड पर बदली जा रही पाईप लाईन, टेंकर से किया जा रहा जल प्रदाय
Betul Samachar/ मुलताई (सलमान शाह) :- नगर के दो वार्डों में डायरिया पीड़ित मरीज मिलने तथा कलेक्टर के दौरे के बाद दिए गए निर्देशों का पालन नगर पालिका द्वारा किया जा रहा है। जिसके तहत नगर पालिका द्वारा नगर के निजी आरो फिल्टर प्लांट की जांच की गई तथा सेंपल लैब में जांच के लिए भिजवाया गया है। उपयंत्री योगेश अनेराव ने बताया कि नगर में गायत्री एक्वा सहित चार प्लांटों की जांच कर सेंपल लिए गए। उन्होने बताया कि उक्त प्लांटों से भी नगर में बड़ी मात्रा में पानी का वितरण किया जाता है जिससे पानी की जांच की गई। उन्होने बताया कि कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य किया जा रहा है जिसके तहत मासोद रोड पर पाईप लाईन बदलने का कार्य प्रारंभ है। इधर सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिसके तहत नालियों की सफाई की जा रही है वहीं पेयजल टाकों की भी विधिवत साफ सफाई कर जल प्रदाय किया जा रहा है।
मासोद रोड पर टैंकर से जल प्रदाय
मासोद रोड पर पंप हाऊस के पास वर्षों पुरानी क्षतिग्रस्त पाईप लाईन नगर पालिका द्वारा बदली जा रही है जिसके कारण वार्ड में जल प्रदाय नही किया जा रहा है। रहवासियों को जलापूर्ति करने के लिए नपा द्वारा टैंकर से जल प्रदाय किया जा रहा है जिससे टैंकर पहुंचते ही पानी भरने वालों की भीड़ लग रही है। उपयंत्री अनेराव ने बताया कि पाईप लाईन बदलते ही जल प्रदाय प्रारंभ कर दिया जाएगा।
मत्स्य ठेका निरस्त करने कलेक्टर को लिखा पत्र
नगर में बढ़ते डायरिया के मामलों को लेकर यह भी बताया जा रहा है कि हरदौली जलाशय में मछली पालने का ठेका दिया गया है जिसके लिए ठेकेदार द्वारा जलाशय में कैमिकल मिलाने से भी जल दूषित हो रहा है। पूरे मामले में नपाध्यक्ष वर्षा गढ़ेकर ने बताया कि उन्होने मत्स्य ठेका निरस्त करने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा गया है। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व भी उनके द्वारा कलेक्टर से ठेका निरस्त करने की मांग की गई थी ताकि हरदौली जलाशय का पानी दूषित ना हो।
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पुरानी परिषद ने दिया था मत्स्य का ठेका
बताया जा रहा है कि भाजपा परिषद के पूर्व कांग्रेस की परिषद ने 1 मार्च 2023 से 10 वर्ष के लिए मत्स्य पालन का ठेका न्यू ताप्ती मत्स्य उद्योग सहकारी समिति को दिया गया था। वर्षा गढ़ेकर ने बताया कि उस समय भी उनके द्वारा हरदौली जलाशय में मछली ठेका नही देने का विरोध करते हुए कहा गया था कि क्योंकि मछली ठेकेदार द्वारा जल में दवा एवं कैमिकल मिलाने से जल दूषित हो सकता है इसके बावजूद कांग्रेस परिषद द्वारा ठेका दिया गया था।