CBSE Exam 2025 :- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा व्यवस्था में एक-एक करके कई बदलाव हो रहे हैं। अब बोर्ड परीक्षा को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है। शैक्षणिक सत्र 2026-27 से छात्रों को साल में दो बार सीबीएसई बोर्ड परीक्षा का विकल्प दिया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राउंड टेबल में यह जानकारी दी है।
सरकार शिक्षा व्यवस्था में एक और बदलाव की तैयारी कर रही है। प्रधान ने कहा कि 11वीं और 12वीं कक्षा में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने के बारे में सोचा जा रहा है। फिलहाल इस मामले में चर्चा चल रही है। ये दोनों बदलाव शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अहम कदम साबित हो सकते हैं। छात्रों का बोझ भी कम होगा।
CBSE बोर्ड परीक्षा से जुड़े अन्य बदलाव (CBSE 10th, 12th Board Exam)
बता दें कि इस साल केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 10वीं और 12वीं परीक्षा से जुड़े कई बदलावों की घोषणा पहले ही कर चुका है। अब आंतरिक परीक्षा मूल्यांकन कुल 40% होगा। वहीं बोर्ड परीक्षा का वैटेज 60% होगा। विश्लेषणात्मक और आलोचनात्मक सोच कौशल को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड परीक्षा में छोटे और लंबे उत्तर वाले प्रश्नों की संख्या कम की गई है। वहीं कक्षा 12वीं में योग्यता आधारित प्रश्नों को बढ़ाया गया है।
15 फरवरी से शुरू होगी बोर्ड परीक्षा
सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा का शेड्यूल भी जारी कर दिया है। 15 फरवरी से परीक्षा शुरू होगी। फिलहाल, स्कूलों में प्रैक्टिकल परीक्षाएं चल रही है, जो 14 फरवरी को समाप्त होगी।
Board Exam Twice in Year Benefits: स्टूडेंट्स को क्या होगा फायदा?
बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए एक साल में दो विकल्प देना छात्रों के लिए फायदेमंद है. यह उन कमजोर छात्रों के लिए अधिक फायदेमंद होगा, जिन्हें विषयों को समझने के लिए समय चाहिए और जो असफल होने से डरते हैं. 10वीं और 12वीं बोर्ड के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले स्टूडेंट्स दोनों ही सेशन की परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. छात्रों के पास दोनों परीक्षा में शामिल होने का विकल्प रहेगा. जिस सेक्शन की परीक्षा में छात्र का प्रदर्शन अच्छा होगा उसे अंतिम स्कोर माना जाएगा.
Board Exam Twice in Year: छात्रों पर कम होगा बोझ, बेहतर होगी तैयारी
साल में दो बार बोर्ड परीक्षा का आयोजन होने से छात्रों पर बोर्ड परीक्षा का तनाव कम होगा. साथ ही उन्हें अच्छी तैयारी करने के लिए अधिक समय मिलेगा. अगर किसी छात्र की तैयारी कम है, तो वह पहले सेशन की बजाए दूसरे सेशन की परीक्षा में बैठ सकेंगे. वही अगर पहले सेशन की परीक्षा में यदि कोई छात्र फेल हो जाता है, तो वह दूसरे सेशन की परीक्षा दे सकता है.