Chief Election Commissioner: ज्ञानेश कुमार होंगे भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त। केरल कैडर के IAS, राम मंदिर ट्रस्ट में केंद्र के प्रतिनिधि भी रह चुके हैं नए CEC ज्ञानेश कुमार। ज्ञानेश कुमार के पास भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव, संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव और सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में काम करने का अनुभव है। आइए जानते है इस आर्टिकल की मदद से की कौन है ज्ञानेश कुमार और क्या क्या कार्य कर चुके है अभी तक।
कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अफसर हैं। उनका जन्म 27, जनवरी 1964 को उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ था। उन्होंने वाराणसी के क्वींस कॉलेज और लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से अपनी शुरुआती पढ़ाई की। इसके बाद आईआईटी कानपुर से उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक, आईसीएफएआई से बिजनेस फाइनेंस में पोस्ट ग्रेजुएशन और और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से एनवायरमेंटल इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली। वह केरल में एर्नाकुलम के असिस्टेंट कलेक्टर, अडूर के डिप्टी कलेक्टर, केरल राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विकास निगम के प्रबंध निदेशक, कोचीन नगर निगम के म्युनिसिपल कमिश्नर रह चुके हैं। साथ ही अन्स कई पदों पर वह अपनी सेवाएं दे चुके हैं।भारत सरकार में उनके पास रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव, संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव और सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में उन्होंने काम किया। 31 जनवरी, 2024 को भारत सरकार के सहकारिता सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए और 14 मार्च, 2024 को भारत निर्वाचन आयोग में उनकी बतौर चुनाव आयुक्त नियुक्ति हुई।
अनुच्छेद 370 से है नाता
61 साल के ज्ञानेश कुमार अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने वाले विधे के मसौदे में शामिल थे। उस समय वे गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव थे और कश्मीर विभाग का नेतृत्व कर रहे थे। इसके साथ ही, उन्होंने तीन तलाक को समाप्त करने के लिए बनाई गई समिति में भी अहम भूमिका निभाई। जब यह विधेयक संसद में पेश किया गया, तब वे नियमित रूप से अमित शाह के साथ संसद जाते थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान वह अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य भी रहे, जिसमें पूर्व आईएएस नृपेंद्र मिश्रा चेयरमैन थे। केंद्र सरकार ने उन्हें श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में अपने प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया था।
Vivo Y200 Plus: वीवो का नया 250MP के कैमरा वाला और 6500mAh की बैटरी वाला स्मार्टफोन
राम मंदिर से भी नाता है
गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर रहते हुए कुमार ने अयोध्या में राम मंदिर से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान संबंधित दस्तावेजों को संभालने की जिम्मेदारी निभाई थी। सूत्रों के मुताबिक, कुमार गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। वह पिछले साल जनवरी में सहकारिता मंत्रालय के सचिव के रूप में कार्य करते हुए रिटायर हुए थे। इस मंत्रालय के अमित शाह संभाल रहे हैं। इससे पहले ज्ञानेश कुमार ने संसदीय कार्य मंत्रालय में भी सचिव के रूप में भी काम किया है। कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में वह रक्षा मंत्रालय में भी काम कर चुके हैं।