जुलाई में खेत नहीं पानी में उगने वाले फल की खेती से होंगे अमीर, जानिये कौन-सा फल चमका देगा किस्मत

By Shrikant Tripathi

Published on:

Follow Us

हर रोज हम ऐसी खेती के बारे में जानते हैं जिसे आप जमीन पर लगाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं. लेकिन आज हम यहां ऐसे फल की खेती के बारे में जानेंगे जिसे आप जमीन पर लगाकर मोटा पैसा कमा सकते हैं. दरअसल, हम बात कर रहे हैं पानी वाली सुपारी यानी सिंहारे की, जिसे किसान छोटे तालाबों या गड्डों में लगाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. आइए जानते हैं कि पानी वाली सुपारी की खेती कैसे की जाती है और कौन सी किस्म सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाली होती है.

कैसे करें पानी वाली सुपारी की खेती

पानी वाली सुपारी की खेती जून से जुलाई के बीच में की जा सकती है. अभी जुलाई का महीना चल रहा है, इसलिए किसान इस समय पानी वाली सुपारी की खेती कर सकते हैं.

तालाबों और गड्डों में इसकी खेती की जाती है. इसमें पौधों के बीच एक मीटर की दूरी रखी जाती है.

पानी वाली सुपारी की खेती कंद लगाकर की जाती है. सबसे पहले इसकी नर्सरी तैयार की जाती है. जिसमें पौधे समान दूरी पर लगाए जाते हैं.

पानी वाली सुपारी की खेती में लगने वाले समय की बात करें तो बीज से पौधा तैयार होने में 2 महीने का समय लगता है और कंद लगाने के बाद फल आने में 3 महीने का समय लग जाता है.

Read Also: Realme का ये शानदार स्मार्टफोन मात्र 7,999 रूपये में मिल रहा है, खरीदने वालों ने मचा दी लूट मिलेंगे ये फीचर्स

पानी वाली सुपारी की बेहतरीन किस्में

कोई भी खेती करने से पहले किसानों को उस फसल की अच्छी किस्म के बारे में पता होना चाहिए. पानी वाली सुपारी की किस्मों की बात करें तो विशेषज्ञों का मानना है कि लाल चिकनी गुल्ली, हर्रा गठुआ, कांटिला और लाल गठुआ जैसी किस्मों को लगाकर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि पानी वाली सुपारी सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है. आपको बता दें कि पानी वाली सुपारी दिल के लिए अच्छी होती है. ये हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी समस्याओं से दूर रखने में मदद करती है.

Shrikant Tripathi

मेरा नाम Shrikant Tripathi है मैं लगातार 2 वर्षो से डिजिटल मीडिया में कार्य कर रहा हूँ। betultalk.com के साथ मैं पिछले 1 वर्ष से जुड़ा हूँ. खेती और देश की मुख्य खबरों में मेरी विशेष रूचि है. देश की हर खबर सबसे पहले पाने के लिए betultalk.com के साथ जुड़े रहे।

Leave a Comment